Rajasthan Rajya Sabha Elections 2022: राज्यसभा चुनाव में एक बार फिर चला अशोक गहलोत की राजनीती का जादू, दमदार 'रणनीति' और 'किलेबंदी' से उड़ाई भाजपा की नींद
जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में राज्यसभा चुनाव की चार सीटों पर हुये चुनाव में एक बार फिर से सियासत के जादूगर कहे जाने वाले सीएम अशोक गहलोत का जादू सिर चढ़कर बोला है। कांग्रेस ने चार में से तीन सीटें जीतकर जता दिया कि मजबूत रणनीति के साथ ही मजबूत ‘किलेबंदी’ प्रतिद्वंदी को मात दे सकती है। राज्यसभा चुनाव के शुरुआती दौर में बिखरी-बिखरी नजर आने वाले कांग्रेस चुनाव से दो दिन पहले पूरी मजबूती के साथ अपनी पार्टी और समर्थित निर्दलीय तथा छोटी पार्टियों के विधायकों की बाड़ाबंदी कर जीत के प्रति आश्वस्त हो गई थी। इससे बीजेपी ने दो दिन पहले ही अपने आप को लगभग साइलेंट मोड पर ले लिया था।
गहलोत ने अपनी दमदार सियासी रणनीति रूठों को मनाकर बड़ी आसानी से उनको अपने खेमे में ले लिया था। पहले जहां कई विधायक आंखें तरेर रहे थे वे समय के साथ गहलोत के सियासी जादू के कारण एक-एक कर कांग्रेस की बाड़ाबंदी में आते रहे. इसके चलते कांग्रेस आश्वस्त हो गई कि अब उसके तीनों प्रत्याशियों की जीत पक्की है। वहीं हालात को देखकर बीजेपी ने ज्यादा हाथ पांव मारना भी उचित नहीं समझा।
राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर कांग्रेस की विजय लोकतंत्र की जीत है। मैं तीनों नवनिर्वाचित सांसदों प्रमोद तिवारी, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला को बधाई देता हूं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तीनों सांसद दिल्ली में राजस्थान के हक की मजबूती से पैरवी कर सकेंगे।
गहलोत ने आगे कहा कि यह शुरू से स्पष्ट था कि कांग्रेस के पास तीनों सीटों के लिए जरूरी बहुमत है, परन्तु भाजपा ने एक निर्दलीय को उतारकर हॉर्स ट्रेडिंग का प्रयास किया। हमारे विधायकों की एकजुटता ने इस प्रयास को करारा जवाब दिया है, 2023 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इसी तरह हार का सामना करना पड़ेगा।
कुल मिलाकर राज्यसभा की तीनों सीटें जीतने के बाद गहलोत का कद एक बार फिर से बढ़ गया है। झंझावतों में फंसी कांग्रेस को तीन सीटें दिलाकर गहलोत एक बार फिर मजबूत होकर उभरे हैं। कांग्रेस की इस जीत ने दर्शा दिया कि आखिरकार कांग्रेस आलाकमान क्यों गहलोत पर इतना भरोसा करते हैं। राज्यसभा की इस जीत से राजस्थान सरकार में उठापटक के कयासों पर अब विराम लगना लगभग तय माना जा रहा है।