Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 'गुजरात मॉडल' पर लड़ेगी बीजेपी, बिना चेहरे के चुनाव जीतने का होगा प्रयोग
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के पास आते राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में गरमा गर्मी शुरू हो गयी है। इसी बीच राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में बीजेपी गुजरात मॉडल की तर्ज पर माइक्रो मैनेजमेंट से चुनाव जीतने की स्ट्रेटेजी अपना सकती है। यह प्रयोग गुजरात के अलावा हाल ही में हुए उत्तरप्रदेश चुनाव में भी कामयाब रहा है।
जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 बीजेपी गुजरात मॉडल की तर्ज पर लड़ेगी। इसमें बिना किसी चेहरे के माइक्रो मैनेजमेंट से चुनाव जीतने की स्ट्रेटेजी अपनाई जाएगी। यह प्रयोग गुजरात के अलावा हाल ही में हुए उत्तरप्रदेश चुनाव में भी कामयाब रहा है। खास बात यह है कि वोटों के माइक्रो मैनेजमेंट की सबसे बड़ी जिम्मेदारी पार्टी के ‘पन्ना प्रमुख’ पर रहेगी।
यह पन्ना प्रमुख केन्द्रीय मंत्री,पार्टी प्रदेशाध्यक्ष,नेता प्रतिपक्ष,उप नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य से लेकर विधायक, मोर्चों, प्रकोष्ठों, प्रकल्पों के पदाधिकारियों से लेकर बूथ लेवल कार्यकर्ताओं तक सभी रहेंगे। राजस्थान में बीजेपी के 52 हजार बूथों पर लगभग 11 लाख पन्ना प्रमुखों की नियुक्तियां की जा रही हैं। जो जल्द पूरी हो जाएंगी। चुनाव में इन कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज पार्टी को वोट दिलाएगी। हर पन्ना प्रमुख को 60 वोटर्स की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बूथों की संख्या के लिहाज से औसत 3.42 वोट से कांग्रेस से पिछड़कर सत्ता खोनी पड़ी थी।
राजस्थान में बीजेपी पन्ना प्रमुख अभियान के प्रदेश संयोजक श्रवण सिंह बगड़ी ने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में बताया कि राजस्थान में पिछले काफी समय से बीजेपी की ओर से सशक्त मंडल अभियान चल रहा है। जिसमें सक्रिय बूथ समितियां बनाई जा चुकी हैं। 22 से 25 मार्च के दौरान सभी जिलों में शक्ति केन्द्र संयोजकों के सम्मेलन भी हुए हैं। बूथ मजबूत करने के लिए 26 मार्च से पूरे राजस्थान में एक साथ ‘पन्ना प्रमुख’ नियुक्ति का अभियान चल रहा है। जिसमें 52 हजार से ज्यादा बूथों पर 11 लाख पन्ना प्रमुख नियुक्त किए जाएंगे। जिस तरह गुजरात में भी पन्ना प्रमुख बनाए गए और उसके कारण वहां बीजेपी को लगातार विधानसभा चुनाव में जीत मिल रही है।
केन्द्रीय गृहमंत्री और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी वहां एक पन्ने के प्रमुख हैं। उसी तर्ज पर राजस्थान में भी छोटे से छोटे बूथ कार्यकर्ता से लेकर बड़े से बड़े पदाधिकारी को पन्ना प्रमुख बनाने का अभियान चल रहा है। ताकि हर व्यक्ति तक पार्टी का कार्यकर्ता पहुंच सके। राजस्थान में एक बार कांग्रेस, एक बार बीजेपी की सत्ता का चलन ख़त्म कर अजेय बीजेपी बनाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।
श्रवण सिंह बगड़ी ने बताया कि एक पन्ने में आगे-पीछे 30-30 वोटर्स मिलाकर कुल 60 नाम शामिल होते हैं। एक पन्ना प्रमुख को 60 वोटों से सम्पर्क और कन्वेंस करके पोलिंग बूथ तक पहुंचाने का काम करना होगा। इससे आने वाले चुनाव में बीजेपी का कमल खिलेगा। बीजेपी का ऐसा मानना है। साथ ही पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने निर्देश दिए हैं कि आखिरी पंक्ति में बैठे व्यक्ति से बीजेपी कार्यकर्ता कैसे सम्पर्क करके योजनाओं का फायदा दे सकता है। उसे बीजेपी से कैसे जोड़ सकता हैं, इस पर फोकस रखना है। इसीलिए सशक्त मंडल और पन्ना प्रमुख अभियान चल रहा है। इससे राजस्थान में भाजपा अजेय होगी।