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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में एआईएमआईएम पार्टी ने किया जीत का दावा, असदुद्दीन ओवैसी ने बताई यह बड़ी वजह

 
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में एआईएमआईएम पार्टी ने किया जीत का दावा, असदुद्दीन ओवैसी ने बताई यह बड़ी वजह

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव 2023 की सरगर्मिया अब तेज होती नजर आ रहीं है। राज्य में बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लगी है। इसी बीच राजस्थान में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम यानि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन  के आने की घोषणा ने 2023 विधानसभा चुनाव को और रोचक बना दिया है।  एआईएमआईएम पार्टी मौजूदा कांग्रेस सरकार के लिए वोट बैंक में सेंध मार सकती है।  प्रदेश के मुस्लिम वोटरों के अनुसार कई सीटों पर कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकता है। 

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असदुद्दीन ओवैसी के राजस्थान आना का सबसे बड़ा कारण है, यहां का मुस्लिम वोट बैंक है।  2011 की जनगणना में यहां मुस्लिम जनसंख्या 9 प्रतिशत से अधिक थी, लेकिन माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव तक इसमें 2 से 3 फीसदी का और इजाफा हो जाएगा।  ये कांग्रेस का ही परम्परागत वोट बैंक माना जाता है। राजस्थान की 200 विधानसभा की सीटों में से 40 सीटों पर मुस्लिम वोटरों का खासा प्रभाव माना जाता है।  2018 के चुनाव में 40 में 29 कांग्रेस, 7 बीजेपी, 3 बसपा व 1 निर्दलीय को जीत मिली थी। अभी बसपा विधायक और निर्दलीय कांग्रेस के साथ हैं, यानी 33 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।  हालांकि इन 40 सीटों में से कितनी सीटे जीत पाएंगे लेकिन कांग्रेस व बीजेपी के मुस्लिम वोट बैंक का गणित जरूर बिगड़ जाएगा। 

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एआईएमआईएम ने दावा किया है कि उनकी ओर से पिछले दिनों कराए गए सर्वे में लोगों ने उनकी पार्टी को समर्थन दिया है।  सर्वे में मुस्लिम समुदाय ने कहा है कि एआईएमआईएम राजस्थान में आकर मुस्लिम व दलित की आवाज बनेंगे।  एआईएमआईएम आदिवासियों से जुड़ी भारतीय ट्राइबल पार्टी, हनुमान बेनीवाल की बनाई राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सहित अन्य से गठबंधन के लिए संपर्क का दावा कर रही है। इसके अलावा मुसलमानों में लोकप्रियता, समुदाय से राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो चुके नेताओं में शामिल होना है।  राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित नेताओं में शामिल मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों को मुखरता से उठाते हैं। 

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वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के लिए राजस्थान में भी चुनौतियां कम नहीं हैं।  जनता के बीच बीजेपी की बी टीम होने के आरोप को झूठा साबित करना है।  सिर्फ एक समुदाय के भरोसे तीसरी ताकत बनना आसान नहीं चुनाव से पहले संगठन खड़ा करने के लिए सदस्यता अभियान को पूरे प्रदेश तक पहुंचाना आसान नहीं है।  एक ही समुदाय से जुड़े होना, एक समुदाय के भरोसे तीसरी ताकत बनना आसान नहीं है। हर क्षेत्र में स्थानीय लीडरशिप तैयार करना और कांग्रेस के परम्परागत मुस्लिमों वोट बैंक में पूरी तरह से सेंध लगाना एआईएमआईएम के लिए प्रदेश में चुनौतियां होंगी।