Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए राजस्थान में आधार मजबूत करने की तैयारी में AAP, जल्द होगी प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के पास आते राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में गरमा गर्मी शुरू हो गयी है। आप नेताओं ने कहा कि पार्टी अगले महीने सर्वेक्षण शुरू करने जा रही है और राज्य में प्रमुख राजनीतिक दलों का विकल्प देने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है। आप ने 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में राज्य की 200 सीटों में से 142 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे।
जयपुर न्यूज़ डेस्क, पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) में मिली सफलता से उत्साहित आम आदमी पार्टी (AAP) अब राजस्थान (Rajasthan) में अपना आधार मजबूत करने की योजना बना रही है। पार्टी नेताओं के अनुसार आप राजस्थान में संगठन को मजबूत करने के लिए यहां 26-27 मार्च को दो दिवसीय राज्य स्तरीय ‘विजय उत्सव’ सम्मेलन करेगी। इसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। आप के राज्य सह प्रभारी खेमचंद जागीरदार ने कहा कि पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। राजस्थान पंजाब का पड़ोसी राज्य है और नई दिल्ली के करीब है, इसलिए राज्य में संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी 26 और 27 मार्च को दो दिवसीय राज्य सम्मेलन आयोजित कर रही है।

उन्होंने कहा कि पार्टी की नीतियों को जमीनी स्तर पर आगे ले जाने और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। राजस्थान में 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जागीरदार ने कहा कि राजस्थान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा जल्द की जाएगी।

विनय मिश्रा को दी जा सकती है जिम्मेदारी
पार्टी नेताओं ने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान द्वारका (दिल्ली) से आप के विधायक और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा को राजस्थान की जिम्मेदारी दी जा सकती है। सांसद संजय सिंह नए चेहरे को पेश कर सकते हैं, उन्होंने कहा कि पार्टी अगले महीने सर्वेक्षण शुरू करने जा रही है और राज्य में प्रमुख राजनीतिक दलों का विकल्प देने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है। आप ने 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में राज्य की 200 सीटों में से 142 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। हालांकि उसके एक भी उम्मीदवार को सफलता नहीं मिली और उसे कुल मिलाकर 0.4 प्रतिशत वोट मिले थे।

पंजाब में जीत के बाद से आम आदमी पार्टी काफी उत्साहित नजर आ रही है। अब पार्टी आगामी चुनावी को देखते हुए अन्य राज्यों में पार्टी संगठन को मजूबत करने की कोशिश कर रही है। आम आदमी पार्टी ने पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में संगठन को मजबूत करने का काम शुरू भी कर दिया है।

