राजस्थान के इस जिले में 60 किलो चांदी से बनेगा वृंदावन धाम, कृष्ण की रास लीलाओं का होगा चित्रण

राजस्थान न्यूज़ डेस्क,सरहद के अंतिम छोर पर बसे बाड़मेर में 60 साल पुराने एक मंदिर में 60 किलोग्राम चांदी से भव्य वृंदावन धाम बनने जा रहा है. सुमेरपुर के कारीगर इस खास भव्य वृंदावन धाम का निर्माण करेंगे. मंदिर कमेटी की तरफ से लाखों की लागत से इसको बनाया जा रहा है. वृंदावन धाम के दर्शन के साथ-साथ मन्दिर के मुख्य द्वार को भी चांदी से बनाया जा रहा है. इस वृंदावन धाम में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की रासलीलाओं को बहुत सुंदर तरीके से दर्शाया जाएगा. इसके लिए खासतौर पर सुमेरपुर से कारीगरों को बुलाया जा रहा है. यह वृंदावन धाम दर्शन राजस्थान का पहला और इकलौता वृंदावन धाम दर्शन होगा. ऐसा भव्य निर्माण मथुरा, काशी और वृंदावन में है जबकि राजस्थान में ऐसा इकलौता निर्माण होगा. इसको लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है.
60 किलो चांदी का होगा उपयोग
मुकुंद जी मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष नन्दकिशोर राठी बताते है कि यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है. कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में 200 किलो फूलो से विशेष सजावट की गई है. इतना ही नही इस मंदिर में वृंदावन की तर्ज पर चांदी का दरवाजा और कृष्ण लीला का जीवन वृंतान्त दर्शया जाएगा. इसमे करीब 60 किलो चांदी का उपयोग किया जाएगा.
सुमेरपुर के कारीगरों द्वारा हो रहा निर्माण
नन्दकिशोर राठी बताते है कि करीब एक माह के भीतर इसमे चांदी का दरवाजा और वृंदावन की तर्ज पर कृष्ण लीला का वृंतान्त दर्शाया जाएगा. राठी बताते है कि सुमेरपुर के कारीगरों द्वारा चांदी का दरवाजा और कृष्ण लीला का निर्माण किया जाएगा. इसको लेकर कमेटी सदस्यों में काफी उत्साह है.
200 किलो फूलो से मंदिर में सजावट
मुकुंद जी मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष नन्दकिशोर राठी बताते है कि यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है. कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में 200 किलो फूलो से विशेष सजावट की गई है. इतना ही नही इस मंदिर में दरवाजा और कृष्ण लीला का जीवंत वृंतान्त दर्शया जाएगा. इसमे करीब 60 किलो चांदी का उपयोग किया जाएगा. वह बताते है कि करीब एक माह के भीतर यही इसमे चांदी का दरवाजा और वृंदावन की तर्ज पर कृष्ण लीला का वृंतान्त दर्शाया जाएगा. राठी बताते है कि सुमेरपुर के कारीगरों द्वारा चांदी का दरवाजा और कृष्ण लीला का निर्माण किया जाएगा.