राजस्थान का ये मशहूर किला फिर खुला पर्यटकों के दीदार के लिए, अब निहार सकेंगे रियासतकालीन दुर्लभ हथियार
यहां राजसी हथियारों का संग्रह है
बाला किले में बन रहे प्रदेश के पहले हथियार संग्रहालय में छोटी-बड़ी तोपों के साथ 30 से अधिक बड़े दुर्लभ हथियारों का प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें बंदूकें और तलवारें भी शामिल हैं। जल्द ही इसका काम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद पुरातत्व संग्रहालय विभाग की ओर से पर्यटकों को तोहफा मिलेगा। अलवर शहर के बाला किले में रियासत काल के ग्रंथों का भंडार है, जिसकी सुरक्षा पुलिस विभाग द्वारा की जाती है।
बाला किला पहाड़ की चोटी पर बना हुआ है
बाला किले में रखी रियासतकालीन तोपों के अलावा बाला किले में तलवारें, भाले, पिस्तौलें, तमंचे, टोपीदार बंदूकें भी हैं। अलवर संग्रहालय में जगह की कमी के कारण हथियारों को एक साथ प्रदर्शित करना संभव नहीं है। इसीलिए अरावली की पहाड़ियों पर स्थित बाला किले में प्रदेश का पहला हथियार संग्रहालय स्थापित किया जा रहा है। कुछ समय पहले जयपुर मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा बाला किले में रखे अस्त्र-शस्त्रों के निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई थी. ऐसा करने के बाद इसमें शास्त्र संग्रहालय बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई। जल्द ही यह बनकर तैयार हो जाएगा और इसका फायदा अलवर क्षेत्र के पर्यटन को मिलेगा। अरावली की पहाड़ियों में स्थित बाला किला पर अलवर शहर का भव्य दृश्य साफ दिखाई देता है। किले से अलवर शहर को देखने पर लोगों को इस मनोरम दृश्य का अहसास होता है। बाला किला सरिस्का की बफर रेंज में स्थित है, यहां आने वाले पर्यटक यहां से शहर का नजारा देखना नहीं भूलते। सावन के महीने में ऊपर से देखने पर चारों ओर हरियाली ही हरियाली नजर आती है।
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