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राजस्थान में ये पर्यटन स्थल आपको देंगे गर्मी से राहत, यहां बिता सकते हैं गर्मियों की छुट्टियां

 
राजस्थान में ये पर्यटन स्थल आपको देंगे गर्मी से राहत, यहां बिता सकते हैं गर्मियों की छुट्टियां

उदयपुर दर्शन डेस्क, झीलों की नगरी उदयपुर जो कि अपनी खूबसूरती के लिए विश्व प्रसिद्ध है. हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा सर्दियों में और फिर बारिश के समय. लेकिन गर्मियों में उदयपुर पर्यटकों की संख्या कम हो जाती है. उसके पीछे कारण है गर्मी.

अभी भी उदयपुर में भीषण गर्मी का दौरा चल रहा है और तापमान रिकॉर्ड स्तर पर हैं. वहीं स्कूलों में 15 मई के बाद स्कूलों में छुट्टियां होने वाली है. ऐसे में अगर उदयपुर का प्लान है तो इस भीषण गर्मी में भी आपको यहां यह पर्यटन स्थल राहत देंगे. आइए जानिए पर्यटन स्थलों के बारे में.


अभी भी उदयपुर में भीषण गर्मी का दौरा चल रहा है और तापमान रिकॉर्ड स्तर पर हैं. वहीं स्कूलों में 15 मई के बाद स्कूलों में छुट्टियां होने वाली है. ऐसे में अगर उदयपुर का प्लान है तो इस भीषण गर्मी में भी आपको यहां यह पर्यटन स्थल राहत देंगे. आइए जानिए पर्यटन स्थलों के बारे में.

जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य : उदयपुर शहर के पास जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य है. घने जंगलों, पहाड़ियों से यहां एरिया घिरा हुआ है. यहां असंख्य पक्षियों और जानवरों की प्रजातियों के साथ मगरमच्छ भी है. यह तुलनात्मक रूप से ठंडा सेट उदयपुर से 51 किमी दूर स्थित है. जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य के किनारे स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी जयसमंद झील है.

जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य : उदयपुर शहर के पास जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य है. घने जंगलों, पहाड़ियों से यहां एरिया घिरा हुआ है. यहां असंख्य पक्षियों और जानवरों की प्रजातियों के साथ मगरमच्छ भी है. यह तुलनात्मक रूप से ठंडा सेट उदयपुर से 51 किमी दूर स्थित है. जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य के किनारे स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी जयसमंद झील है.

झील का मनमोहक नजारा ऊंची पहाड़ी पर स्थिति रूठी रानी का महल से देख सकते हैं. यहां बोटिंग भी कर सकते हैं. अभयारण्य की बात करे तो यहां सफारी करते हुए तेंदुआ, लोमड़ी, भेड़िया, लकड़बग्घा जैसे मांसाहारी और जंगली सूअर और स्लॉथ भालू जैसे सर्वाहारी सहित कई जानवर देखने को मिलते हैं.

झील का मनमोहक नजारा ऊंची पहाड़ी पर स्थिति रूठी रानी का महल से देख सकते हैं. यहां बोटिंग भी कर सकते हैं. अभयारण्य की बात करे तो यहां सफारी करते हुए तेंदुआ, लोमड़ी, भेड़िया, लकड़बग्घा जैसे मांसाहारी और जंगली सूअर और स्लॉथ भालू जैसे सर्वाहारी सहित कई जानवर देखने को मिलते हैं.

जयसमंद के अलावा उदयपुर का एक सबसे घने जंगलों के बीच स्थिति हैं फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य. यह उदयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर पानरवा - कोटड़ा क्षेत्र में आता है. इस अभयारण्य को घने जंगल का घर भी कहते हैं. तीन नदियाँ मानसी, वाकल और सोम यहीं से निकलती हैं. घाटी में खूबसूरत ऑर्किड हैं जो मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य देते हैं.

जयसमंद के अलावा उदयपुर का एक सबसे घने जंगलों के बीच स्थिति हैं फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य. यह उदयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर पानरवा - कोटड़ा क्षेत्र में आता है. इस अभयारण्य को घने जंगल का घर भी कहते हैं. तीन नदियाँ मानसी, वाकल और सोम यहीं से निकलती हैं. घाटी में खूबसूरत ऑर्किड हैं जो मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य देते हैं.

अभयारण्य में और उसके आसपास मामेर, पानरवा और कोटड़ा ने स्थिति है. यहां आप रात भी रुक सकते हैं. वन विभाग की तरफ से रुकने के लिए गेस्ट हाउस बने हुए हैं. बताते है कि यहां वर्ष भर पानी रहता हैं.

अभयारण्य में और उसके आसपास मामेर, पानरवा और कोटड़ा ने स्थिति है. यहां आप रात भी रुक सकते हैं. वन विभाग की तरफ से रुकने के लिए गेस्ट हाउस बने हुए हैं. बताते है कि यहां वर्ष भर पानी रहता हैं.

कुंभलगढ़ अभ्यारण्य - यह अभयारण्य उदयपुर संभाग के राजसमंद झील में स्थित है. यहां सबसे बड़ा और घना जंगल है. कुंभलगढ़ अभयारण्य में जंगल सफारी सबसे रोमांच करने वाली है. उदयपुर से निकलने के बाद आप बीच में धार्मिक स्थलों को देखते हुए शाम तक कुंभलगढ़ पहुंचेंगे तो यहां 4 बजे बाद सफारी का आनंद ले सकते हैं जो करीब 2 घंटे की होती है.


कुंभलगढ़ अभ्यारण्य - यह अभयारण्य उदयपुर संभाग के राजसमंद झील में स्थित है. यहां सबसे बड़ा और घना जंगल है. कुंभलगढ़ अभयारण्य में जंगल सफारी सबसे रोमांच करने वाली है. उदयपुर से निकलने के बाद आप बीच में धार्मिक स्थलों को देखते हुए शाम तक कुंभलगढ़ पहुंचेंगे तो यहां 4 बजे बाद सफारी का आनंद ले सकते हैं जो करीब 2 घंटे की होती है.

सुबह और शाम दो समय तक चलती है. अन्य - उसके अलावा केवड़े की नाल, प्रतापगढ़ जिले में सीतामाता अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ में बस्सी अभयारण्य भी है तो 150 किलोमीटर के दायरे में है.

सुबह और शाम दो समय तक चलती है. अन्य - उसके अलावा केवड़े की नाल, प्रतापगढ़ जिले में सीतामाता अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ में बस्सी अभयारण्य भी है तो 150 किलोमीटर के दायरे में है.

उदयपुर अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन गर्मियों में पर्यटकों की संख्या कम हो जाती है. भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य, फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य और कुंभलगढ़ अभ्यारण्य जा सकते हैं, जो उदयपुर से 50-100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और घने जंगलों और वन्य जीवन से भरे हुए हैं.
उदयपुर अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन गर्मियों में पर्यटकों की संख्या कम हो जाती है. भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य, फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य और कुंभलगढ़ अभ्यारण्य जा सकते हैं, जो उदयपुर से 50-100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और घने जंगलों और वन्य जीवन से भरे हुए हैं.