कोटा की जलेबी और रबड़ी का वो लाजवाब स्वाद जो सुबह से शाम तक लगाता है लोगों का जमावड़ा
ऐसे हुई शुरुआत
चंद्र प्रकाश सैनी ने बताया कि यह दुकान 60-70 साल पहले बाबूजी स्वर्गीय शंभू जी सैनी ने शुरुआत की थी जब वह पहलवानी किया करते थे. उन्होंने अपने और साथियों के लिए दूध जलेबी के सेवन करने के लिए यह दुकान खोली थी. पहलवानी के शौक के साथ मुंबई में दारा सिंह को भी करतब दिखाये. तब दारा सिंह भी उनकी पहलवानी देखकर हक्के-बक्के रह गए थे तब इनकी सेहत का राज पूछा तो उन्होंने बताया कि हम सब पहलवान दूध जलेबी का सेवन करते हैं. जिससे मांसपेशियां भी तंदुरुस्त रहती है. इसके बाद जब दारा सिंह कोटा में किसी कार्यक्रम में आए तब शंभू जी की दुकान पर आए थे और यहां का स्वाद भी लिया.
दूध जलेबी के दीवाने कई लोग
चंद्र प्रकाश ने बताया कि यहां पर कोटा ही नहीं काफी दूर-दराज से लोग दूध-जलेबी लस्सी और रबड़ी गुलाब जामुन खाने आते हैं. कोटा में कोचिंग करने आए स्टूडेंट भी गूगल पर सर्च करते हुए यहा पहुंचते हैं. चंद्र प्रकाश सैनी ने बताया कि हमने एक नई डिश तैयार की वह है रबड़ी गुलाब जामुन, रबड़ी के साथ गुलाब जामुन एक अलग ही तड़का लगता है. इसके ज़ायकेदार स्वाद के आगे अच्छी-अच्छी स्वीट डिश फेल है. शंभू जी मिष्ठान की केसर के दूध में बनी दूध जलेबी कई दिग्गज नेता की पहली पसंद है. आज भी यह दुकान उनके दो बेटों ने संभाली हुई है.