Jaipur की वो फेमस मिठाई जो रहती है US से लेकर आस्ट्रेलिया तक डिमांड में, 15 दिन तक नहीं होती खराब
इनका यह कहना दुकान के मैनेजर महेश कुमार शर्मा ने बताया कि वे पिछले 30 साल से काम कर रहे है.इस दुकान में काम करने वाले पीढ़ी दर पीढ़ी चेंज होती रहती है.लेकिन मूंगथाल सहित बाकी मिठाइयां बनाने की रेसिपी आजतक नहीं बदली.हमारे जो पुराने उस्ताद थे उन्होंने हमें पूरा काम सिखाया,जब तक हम बिलकुल तरीके से नहीं सिख गए तब तक वे खुद ही सब कुछ बनाते थेताकि वही स्वाद लोगों को मिलता रहें.
यहां कीगुलाब सकरी और मक्खन बड़ा के भी लोग दीवाने
यूं तो सोध्या हलवाई की पहचान मूंग थाल (मोहन थाल) की वजह से है.लेकिन यहां का गुलाब सकरी और मक्खन बड़ा भी लोगों को खासा पसंद आता है.इसके अलावा राजा महाराजाओं के टाइम से बनती आ रही थाल की बर्फी, मावा पेठा, गुजिया, बेसन के लड्डू और मैदा पेठा काफी फेमस है.इन मिठाइयों को बनाने में देसी घी का ही प्रयोग किया जाता है. ये हैं सोध्या हलवाई की फेमस मिठाईया मूंगथाल,गुलाब सकरी, थाल बर्फी, मावा पेठा, गुजिया, चौगनी लड्डू, बेसन लड्डू, दाने, मक्खन बड़ा, मैदा पेठा, लाब जामन जैसी स्वादिष्ट मिठाइयां.
इस दुकान का शक्कर का बुरा भी हैं खास
इस दुकान में मिलने वाला शक्कर का बुरा केमिकल फ्री होता है.चीनी की दूध से सफाई करके उसकी चाशनी बनाकर, फिर उसे घोट के कूटा जाता है.शक्कर के शुद्ध रूप को लाने के लिए ऐसा किया जाता है.इस शक्कर के बुरे की लोग न केवल राजस्थान बल्कि देश विदेश से ऑर्डर कर कुरियर से मंगवाते है.डेली लगभग 50 किलो से अधिक बुरा दुकान से और उतना ही एक्सपोर्ट किया जाता है.
फेस्टिवल सीजन में उमड़ती है भीड़
दुकान के मैनेजर महेश कुमार शर्मा ने बताया कि त्योहार के समय मिठाइयों में मिलावट की शिकायत खूब आती है.लेकिन सोंध्या की पहचान उसकी शुद्धता से है.हम मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाला मावा भी खुद ही तैयार करते हैं, बाहर से नहीं मंगवाते.लोग शुद्धता की चाहत में दुकान पर आते हैं.कई बार भीड़ इतनी हो जाती है कि पूरी गली जाम हो जाती है,लोगों को लाइन लगानी पड़ती है.
