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Rajasthan Darshan: पाकिस्तान और हिंदुस्तान को जोड़ती है ये प्रेम कहानी, आप भी जानें कौन थे मूमल-महेंद्र

Mumal and Rana Love Story:  हम अक्सर प्रेम कहानियां सुनते हैं। फिर चाहे रोमियो-जूलियट हो या हीर और रांझा। लेकिन आज हम आपको लगभग 2000 साल पुरानी एक, आईये जाने विस्तार से....
 
पाकिस्तान और हिंदुस्तान को जोड़ती है ये प्रेम कहानी, आप भी जानें कौन थे मूमल-महेंद्र

राजस्थान दर्शन डेस्क, हम अक्सर प्रेम कहानियां सुनते हैं। फिर चाहे रोमियो-जूलियट हो या हीर और रांझा। लेकिन आज हम आपको लगभग 2000 साल पुरानी एक प्रेम कहानी के बारे में बताएंगे। यह कहानी है मूमल और महिंद्रा की। दोनों की प्रेम कहानी सुनने में इतनी दिलचस्प लगती है जैसे हम किसी रोमांटिक फिल्म को देख रहे हों। तो इंतजार किस बात का, आइए जानते हैं सदियों पुरानी प्रेम कहानी....

पाकिस्तान और हिंदुस्तान को जोड़ती है ये प्रेम कहानी, आप भी जानें कौन थे मूमल-महेंद्र

मूमल, महिंद्रा और उनका प्रेम

प्रेम कहानी सुनना लोग बहुत पसंद करते हैं। मूमल और महिंद्रा की प्रेम कहानी भी बहुत खूबसूरत है। मूमल जैसलमेर की प्राचीन राजधानी लौद्रवा की रहने वालीथी। वहीं महिंद्रा अमरकोट के रहने वाले थे। धरातल की दूरी उन दोनों के प्यार के आगे फीकी पड़ जाती थी। महिंद्रा मूमल से मिलने के लिए ऊंट पर बैठकर 100 कोस की यात्रा करते थे। बदले में मूमल भी मेड़ी पर बैठकर अपने प्रेमी का इंतजार करती थीं। जिस मेड़ी पर बैठकर मूमल महिंद्रा का इंतजार करती थी वो आज भी लौद्रवा में मौजूद है।

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किसी अप्सरा जैसी दिखती थीं मूमल

बताया जाता है कि मूमल किसी अप्सरा जैसी दिखती थी। उनकी सुंदरता का ये आलम था कि ईरान, इराक से लेकर पूरे सिंध तक उनकी खूबसूरती की बातें की जाती थीं।

लोक गीतों में भी किया जा चुका है बखान

मूमल और महिंद्रा की प्रेम कहानी का जिक्र लोक गीतों में भी किया जाता है। लौद्रवा के लोग और वहां जाने वाले पर्यटक आज भी मूमल और महिंद्रा की प्रेमकहानी के बारे में बाते करते हैं। दोनों पर बने एक गीत की पंक्ति कुछ इस तरह हैं, "तुम्हारे बिना सोढ राण,यह धरती धुंधली, तेरी मूमल रानी है उदास। मूमल के बुलावे पर असल प्रियतम महेंद्र अब तो घर आव।"

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मूमल ने क्यों त्याग दिए थे प्राण?

मूमल और महिंद्रा की प्रेम कहानी का अंत सुन आप निराश हो सकते हैं। कहा जाता है कि अंत में दोनों एक दूसरे से बहुत दूर हो गए थे। वहीं इसके पीछेकी वजह हर पुस्तक और रिपोर्ट में अलग-अलग बताई जाती है। रिपोर्ट के अनुसार एक बार राजा महिन्द्रा लौद्रवा पहुंचे लेकिन उनके मन में शरारत सूजी। ऐसे में उन्होंने मूमल के पास संदेश भिजवाया कि महिंद्रा को सांपने डस लिया है। मूमल ने जैसी ही इस बात को सुना वो गिरी और उन्होंने वहीं प्राण त्याग दिए।