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राजस्थान के इस मंदिर में भक्तों को दर्शन के लिए 150 फीट लंबी गुफा से पड़ता है गुजरना, जानिए क्या है वजह

 
राजस्थान के इस मंदिर में भक्तों को दर्शन के लिए 150 फीट लंबी गुफा से पड़ता है गुजरना, जानिए क्या है वजह

बीकानेर दर्शन  डेस्क,  बीकानेर में कई ऐसे मंदिर है जो जिनको देखकर ही आनंद की अनुभूति और रोमांच से भरी होती है. इनमें से एक मंदिर है जिसको गुफा वाली माता या झरने वाली माता के नाम से जाना जाता है. बीकानेर के सुदर्शना नगर क्षेत्र में नागणेचीजी माता मंदिर के नजदीक स्थित गुफा मंदिर में कई भगवान विराजमान है लेकिन अन्नपूर्णा माता का मंदिर सबसे अलग है. इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते है और लोगो में माता को लेकर गहरी आस्था भी है. पुजारी योगेंद्र सेवग ने बताया कि यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है.दशकों से श्रद्धालु करीब डेढ सौ फीट लंबी गुफा के अंदर स्थापित देवी प्रतिमा के दर्शन-पूजन कर धोक लगाते हैं व मनोकामनाएं करते हैं. यहां भक्तो की हर मनोकामना पूरी होती है. पुजारी ने बताया कि मां नागणेची जी माता के दर्शन के बाद माता अन्नपूर्णा के दर्शन करने के बाद ही भक्तो की मनोकामना पूरी होती है.गुफा के अंदर व बाहर की ओर कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं व मंदिर हैं.गुफा मंदिर परिसर में गुफा के अंदर मां अन्नपूर्णा के मंदिर के साथ परिसर में और भी कई प्रतिमाएं स्थापित हैं. पुजारी योगेन्द्र के अनुसार वैष्णो देवी, भैरवनाथ, मंशापूर्ण हनुमान, नीलकंठ महादेव, रिद्धि-सिद्धि गणेश, बाबा रामदेव, शीतला माता की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं.

पहले रहते थे हजारों चमगादड़

पुजारी ने बताया कि इस गुफा में पहले हजारों चमगादड़ रहते थे, जिससे भक्त यहां दर्शन और फेरी लगाना मुश्किल होता था, धीरे धीरे चमगादड़ यहां से चली गई करीब 5 से 6 साल पहले चमगादड़ यहां से चली गई. अब मंदिर में भक्तो की सुविधा के लिए गुफा में लाइट की व्यवथा की गई है.

देवी की अष्ट भुजा प्रतिमा

गुफा के अंदर मां अन्नपूर्णा गर्भ गृह बना हुआ है. चौकी पर मां की प्रतिमा स्थापित है. पुजारी के अनुसार देवी प्रतिमा अष्ट भुजा वाली है. हाथों में धनुष, फरसा, गदा, चक्र, शंख, माला और कमल लिए हुए हैं. गुफा में संत शंभू बाबा की ओर से तपस्या करने व कभी झरना बहने की भी बात कही जा रही है. मंदिरों के साथ संत शंभू बाबा व अमरापुर बाबा की समाधियां भी है.अन्नपूर्णा का प्रतिमा स्थल गुफा वाली माताजी के नाम से भी प्रसिद्ध है. गुफा मंदिर में नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक पूजन-अनुष्ठान का क्रम चलता रहता है. भक्ति जागरण का आयोजन होता है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं.