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​​​​​​​Khwaja Moinuddin Chishti Dargah: देश की सबसे मशहूर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह राजस्थान से जुडी हर वो जानकारी जो आपको घूमने से पहले जरूर जाननी चाहिए

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती पर हर धर्म के लोग का विश्वास है. अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार की जियारत कर फातिहा पढ़ने की चादर हर ख्वाजा के चाहने वाले की होती है. तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में स्थित दरगाह शरीफ वास्तुकला की दृष्टि से भी बेजोड़ है, चलिए जाने इसके बारे में सम्पूर्ण विस्तार से...
 
Khwaja Moinuddin Chishti Dargah: देश की सबसे मशहूर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह राजस्थान से जुडी हर वो जानकारी जो आपको घूमने से पहले जरूर जाननी चाहिए

राजस्थान दर्शन डेस्क, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह यानि मोइनुद्दीन चिश्ती का मकबरा भारत में न केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोगों के लिए सबसे पवित्र स्थान है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह भारत के राजस्थान राज्य के अजमेर शहर में स्थित है, जिसकी अपनी एक अलग मान्यता है। मकबरे के सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती के बारे में कहा जाता है कि उनके पास कई अदभुद शक्तियाँ थी, जिसकी वजह से आज भी दूर-दूर से लोग उनकी दरगाह पर दुआ मांगने के लिए आते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के बारे में कहा जाता है कि जो भी यहां पर सच्चे दिल कुछ भी मांगता है तो उसकी दुआ जरुर कबूल होती है।

मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। बताया जाता है कि मोइन-उद-दीन चिश्ती एक ऐसे महान सूफी संत थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। इस दरगाह की मान्यता की वजह से हर साल लाखों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं। अगर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को जरुर पढ़ें, जिसमे हम आपको दरगाह का इतिहास के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं....

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ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती का इतिहास – Khwaja Moinuddin Chishti Dargah History In Hindi

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह, गरीब नवाज मोइन-उद-दीन चिश्ती की कब्र होने की वजह से सद्भाव और आध्यात्मिकता का एक आदर्श प्रतीक है। यह जगह शांति की तलाश करने वालों के लिए एक दम आदर्श जगह है। बताया जाता है कि जब सूफी संत 114 बर्ष के हो गए थे तो उन्होंने प्रार्थना करने के लिए छह दिनों के लिए खुद को बंद कर लिया और अपने नश्वर शरीर त्याग दिया था, जिसके कारण अंततः उनके सम्मान में इस पवित्र दरगाह का निर्माण किया गया था। हजरत ख्वाजा मोइन-उद-दीन चिश्ती को भारत में इस्लाम के संस्थापक और दुनिया भर में इस्लाम के महान उपदेशक के रूप में भी जाना जाता है। इसके साथ ही वे अपने महान उपदेशों और सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं।

बताया जाता है कि वे फारस से भारत आये थे और कुछ समय के लिए लाहौर में रहे थे और इसके बाद अजमेर शहर से बस गए थे। 1236 में उनकी मृत्यु हो गई थी जिसके बाद उनकी कब्र को एक तीर्थ स्थान के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस दरगाह में कुछ सच्चे दिल से मांगता है तो उसकी मुराद जरुर पूरी होती है।

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह की वास्तुकला – Khwaja Moinuddin Chishti Dargah Architecture In Hindi

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह का निर्माण मुगलों द्वारा करवाया गया था, इसलिए यह समृद्ध मुगल शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। दरगाह तक एक विशाल द्वार के माध्यम से जाना जा सकता है जिसे बुलंद दरवाजा कहा जाता है। महान सूफी संत, हजरत ख्वाजा मोइन-उद-दीन चिश्ती की कब्र को एक गुंबददार कक्ष में रखा गया है, जिस पर चांदी की रेलिंग और संगमरमर की स्क्रीन लगी हुई है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के पास कई तरह के प्रसिद्ध कव्वालों के गीतों की गूंज सुनने को मिलती है। दरगाह के बाहर एक छोटा सा बाज़ार है जहाँ से सभी तीर्थयात्री प्रसाद सामग्री खरीदते हैं।

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का निर्माण किसने करवाया – Khwaja Moinuddin Chishti Dargah Ka Nirmaan Kisne Karwaya 

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का निर्माण हैदराबाद के निज़ाम मीर उस्मान अली ख़ाँ ने करवाया था।

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में समारोह – Celebrations At Khwaja Moinuddin Chishti Dargah In Hindi

उर्स त्योहार अजमेर 2021
ऐसा माना जाता है कि जब सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती 114 वर्ष के थे, तो उन्होंने प्रार्थना करने के लिए छह दिनों तक खुद को बंद रखा और इसके बाद उन्होंने अपने नश्वर शरीर को यहीं त्याग दिया था। इसलिए, हर साल ‘उर्स’ एक खूबसूरत उत्सव इस्लामी चंद्र कैलेंडर के सातवें महीने में दरगाह में छह दिनों के लिए आयोजित किया जाता है। दरगाह का मुख्य द्वार जो रात में बंद रहता है उसे इस उत्सव के दौरान 6 दिनों के लिए दिन और रात में खुला रखा जाता है। जो भी लोग इस पवित्र दरगाह की यात्रा करना चाहते हैं वे लोग उर्स त्योहार के दौरान अजमेर की यात्रा कर सकते हैं।

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दर्शन करने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Khwaja Moinuddin Chishti Dargah In Hindi

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है। इस दौरान दरगाह के बाद उर्स के मेले का आयोजन किया जाता है और दरगाह को शानदार ढंग से सजाया जाता है। इसलिए तीर्थ यात्रियों को इस उत्सव के दौरान ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह की यात्रा जरुर करनी चाहिए।

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह खुलने का समय – Khwaja Moinuddin Chishti Dargah Timings In Hindi

  • खुलने का समय : सुबह 05:00 बजे से रात 10:00 बजे तक
  • गर्मियों के दौरान समय : सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह जाने के टिप्स – Tips For Visiting Khwaja Moinuddin Chishti Dargah In Hindi

  1. इस पवित्र स्थल की यात्रा करते समय उचित कपड़े पहन कर जाएं, हालांकि यहाँ किसी भी कठोर दिशानिर्देश का पालन नहीं किया जाता है।
  2. दरगाह के लिए जाते समय अपने सामन की सुरक्षा स्वयं करने, क्योंकि यहां की यात्रा करने वाले कई यात्रियों ने चेन स्नैचिंग और लूटपाट के बारे में बहुत सी खबरें बताई हैं।
  3. दरगाह जाते समय महंगे आभूषण या गैजेट्स न ले जाएं।

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह कैसे जाये – How To Reach Khwaja Moinuddin Chishti Dargah In Hindi

भारत के पर्यटक स्थल अजमेर जाने के लिए आप हवाई मार्ग, ट्रेन और सड़क मार्ग में से किसी का भी चुनाव कर सकते है। तो आप अपनी सुविधानुसार अपने लिए यात्रा के वाहन का चुनाव भी कर सकते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह अजमेर शहर से 2 किमी की दूरी पर स्थित है कई बसों और कैब की मदद से राज्य के विभिन्न हिस्सों से दरगाह तक पहुंचा जा सकता है।

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फ्लाइट से ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह कैसे पहुंचे – How To Reach Khwaja Moinuddin Chishti Dargah By Flight In Hindi

अजमेर शहर से लगभग 135 किलोमीटर दूरी जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा अजमेर से सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरो से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। जब आप हवाई अड्डे पर पहुंच जाते हैं तो यहां से आप अजमेर पहुंचने के लिए एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह ट्रेन से कैसे पहुंचे – How To Reach Khwaja Moinuddin Chishti Dargah By Train In Hindi

यदि आपने अजमेर जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया हैं, तो हम आपको बता दें कि अजमेर शहर का रेल्वे स्टेशन “अजमेर जंक्शन रेलवे स्टेशन” हैं। जोकि मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर और दिल्ली लाइन पर स्थित है। यह स्टेशन दिल्ली, मुंबई, जयपुर, इलाहाबाद, लखनऊ और कोलकाता जैसे भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ हैं।

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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह कैसे पहुंचे बस से – How To Reach Khwaja Moinuddin Chishti Dargah By Bus In Hindi

यदि आपने अजमेर जाने के लिए बस का चुनाव किया है तो हम आपको बता दें कि राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम के द्वारा दिल्ली, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर और जैसलमेर जैसे आस-पास के शहरों से अजमेर को जोड़ने के लिए डीलक्स और सेमी-डीलक्स बसें नियमित रूप से चलाता है। तो आप बहुत ही आसानी से बस के द्वारा अजमेर पहुंच जायेंगे।

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