Pratapgarh कांठल के जलाशयों में पक्षियों की संख्या कम हो रही है
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़ वन विभाग की ओर से हाल ही में जलाशयों पर प्रवासी पक्षियों की गणना और अनुमान लगाया गया है। जिसमें गत तीन वर्षों से प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी होती जा रही है। हालांकि इस वर्ष बारिश की कमी के कारण कई जलाशयों में पानी कम है। जिससे भी इनकी संख्या कम दिखी। प्रतापगढ़ जिले में कई जलाशयों पर पर्यावरणविदों व विभागीय कर्मचारियों ने इसमें भाग लिया। जिले में हाल ही में मिड विंटर वाटर बर्ड सेंसस में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
गौरतलब है कि वन्यजीवों की तरह अब प्रवासी पक्षियों की भी गणना और इनका प्रति वर्ष रिकॉर्ड रखा जा रहा है। इसके लिए कांठल में भी गत 6 वर्षों से प्रवासी पक्षियों की गणना की जा रही है। इस वर्ष भी विभाग ने अधिक संख्या में आने वाले तीन तालाबों पर ही इनका रिकॉर्ड दर्ज किया। इसके तहत जिले के पांच प्रमुख जलाशयों में इसकी गणना की गई है। जिसमें गौतमेश्वर, रायपुर, निनोर, गादोला, जाखम और धरियावद में केशरियावद के तालाब प्रमुख है। विभाग का उद्देश्य है कि प्रवास पर आने वाले पक्षियों को संरक्षण हो और इनके आवास स्थल आने वाले वर्षों में भी सुरक्षित रहे। इसके लिए जलाशयों, नमीयुक्त भूमियों पर पक्षियों की गणना की गई। इसके तहत प्रवासी पक्षियों का भी रिकॉर्ड दर्ज किया है। इन आंकड़ों के आधार पर प्रवासी पक्षियों के अध्ययन को गति मिलेगी।
नवंबर से फरवरी अंत तक प्रवास
प्रतापगढ़ जिले में सर्दी के दौर तक प्रवासी पक्षी ठहरते है। ये प्रवासी पक्षी नवंबर के शुरुआत से आना शुरू हो जाते है। जो सर्दी का दौर होने तक फरवरी अंत तक और कभी-कभी मार्च तक यहां ठहरते है। इसके बाद ये अपने वतन लौट जाते है। ये प्रवासी परिंदे जलाशयों व तालाब को अपना आशियाना बनाते हैं। ग्रीष्म शुरू होने के साथ वापस अपने मूल स्थान पर चले जाते हैं।