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Pratapgarh शुभ मुहूर्त में घर-घर होगी घट स्थापना, गूंजेंगे माता के जयकारे

 
Pratapgarh शुभ मुहूर्त में घर-घर होगी घट स्थापना, गूंजेंगे माता के जयकारे
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़  सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है जो कि प्रतिवर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शुरू होकर और नवमी तिथि समाप्त होती है । इस अवधि में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके नौ शक्ति रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नवरात्र का व्रत रखकर कन्या पूजन और अन्य अनुष्ठान किया जाते है। धार्मिक मत है कि जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। हिन्दू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि दो अक्टूबरको रात्री 12.18 बजे से प्रारंभ हो रही है, जो तीन अक्टूबर की रात्रि 2.58 बजे तक रहेगी इस प्रकार उदय तिथि के आधार पर शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ तीन अक्टूबर को होगा, जबकि समापन 11 अक्टूबर को होकर इसके अगले दिन शनिवार 12 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी । इस शारदीय नवरात्रि का शुभारभ गुरूवार को होने से माता पालकी पर सवार होकर आएगी , जो की देवी पुराण के अनुसार अत्यंत शुभ है ।

कब करें घट स्थापना

शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त तीन अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन दोनों शुभ योग समय में घटस्थापना कर सकते हैं।

घटस्थापना पर इंद्र योग समेत बन रहे हैं ये अद्युत संयोग

हिन्दू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की इस बार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। साथ ही घटस्थापना तिथि पर सर्वार्थ सिद्धी एवं दुर्लभ इंद्र योग सहित अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं, ऐसे योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही नवरात्र की शुरुआत पर शिववास योग का संयोग होने से भगवान शिव कैलाश पर्वत पर मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे। इन योग में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।