Pratapgarh पंचकल्याणक महा महोत्सव पर जलाभिषेक, शोभायात्रा सहित हुए कई कार्यक्रम
![Pratapgarh पंचकल्याणक महा महोत्सव पर जलाभिषेक, शोभायात्रा सहित हुए कई कार्यक्रम](https://aapkarajasthan.com/static/c1e/client/91529/uploaded/45b6c713c1400931add056cf0b9cf4e6.jpg?width=968&height=500&resizemode=4)
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़ जिस घर में स्त्री विवेकी होती है, वह घर स्वर्ग जैसा होता है। ये विचार आनंद प्रदायक पंचकल्याणक महामहोत्सव के द्वितीय दिन रविवार को मुनि विमल सागर ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि भगवान के स्तोत्र प्रतिदिन पढ़ना चाहिए, जो भगवान की 1008 नामों से स्तुति करता है उसको सुंदर शरीर प्राप्त होता है, एक दिन के ब्रह्मचर्य से 9 लाख जीवों की रक्षा होती है। मुनिश्री ने भगवान के जन्म कल्याणक की धार्मिक क्रियाएं सम्पन्न करा नन्हे जन्मे तीर्थंकर बालक को ऐरावत हाथी पर सोधर्म इंद्र और इंद्राणी ने नगर में भ्रमण करा कर 1008 कलशों से कलशाभिषेक करा न्यवहन कराया।
आचार्य विद्यासागर महाराज ने मूकमाटी महाकाव्य में लिखा है कि स्त्रियां दूसरों को अहित से बचाती है। प्रभु के जन्म पर तीनों लोकों में आनंद छा गया, वाद्य यंत्र बजने लगे। समाज के प्रवक्ता मनोज सोनी ने बताया कि महामहोत्सव में श्रद्धालुओं ने अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, आरती, प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं मांगलिक क्रियाएं संपन्न कराई। प्रात: कालीन बेला में मंगलाष्टक, दिग्बंधन, रक्षामंत्र, शांतिमंत्र, नित्यमह अभिषेक, सहस्त्र नेत्रों से तीर्थंकर बालक के दर्शन के पश्चात कई श्रद्धालुओं की मौजूदगी में सौधर्म इंद्र सुशील ममता काला, शचि इंद्राणी द्वारा तीर्थंकर बालक को लेकर गजराज पर बैठ पांडुक वन की ओर लाया गया।
गज और बग्घियों पर सवार इंद्र इंद्राणियों ने शोभायात्रा निकाली जो मांगलिक भवन पहुंचकर सम्पन्न हुई। जहां पांडुक शिला पर 1008 कलशों द्वारा तीर्थंकर बालक का प्रथम जलाभिषेक आदि धार्मिक कार्यक्रम हुए। तीर्थंकर बालक के जन्म के पश्चात प्रथम कलश का लाभ प्रेमचंद, विकास, विशाल, गौरव व तक्ष मोदी परिवार को मिला। इंद्रसभा एवं राजदरबार के कार्यक्रम के बाद संगीतमय महाआरती हुई। समाज के अध्यक्ष सुशील काला व महामंत्री मनोज पटवारी ने बताया कि सोमवार को प्रात: 6 बजे से अभिषेक, शान्तिधारा, पूजन 9 बजे मुनि के प्रवचन, मध्यान्ह साढे 11 बजे महाराजा नाभिराय का राजदरबार, मुनि द्वारा वैराग्यप्रद उपदेश आदि धार्मिक कार्यक्रम होंगे।