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Pratapgarh गर्मी से राहत की उम्मीद, सीतामाता अभयारण्य में लोग पहुंचने लगे

 
Pratapgarh गर्मी से राहत की उम्मीद, सीतामाता अभयारण्य में लोग पहुंचने लगे 
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, जहां एक ओर पूरा राजस्थान भीषण गर्मी से जूझ रहा है। वहीं, शहर से दूर सीतामाता अभारण्य में विशाल पेड़ और बहते पानी में गर्मी से राहत के लिए कई इलाकों से लोग पहुंच रहे है। यहां हाल यह है कि बड़ी संया में पर्यटक पहुंचने लगे है। अभयारण्य के अंदर सीता नदी का ठंडा पानी, 50 से 70 फीट ऊंचे पेड़ों की छाया लोगों को सुकून दे रही है। शहर में जहां 46 डिग्री तापमान चल रहा है वहीं अभयारण्य में अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक ही रहता है। यहां सिर्फ चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़ और उदयपुर से ही नहीं, बल्कि राजस्थान के अन्य जिलों से, अन्य राज्यों जैसे गुजरात और मध्यप्रदेश से भी पर्यटक आ रहे हैं।

शहर से कम रहता है तापमान

धार्मिक आस्था, रामायण काल से जुड़ा इतिहास और उडऩ गिलहरी के लिए खास पहचान रखने वाला सीतामाता अभयारण्य इन दिनों पर्यटकों के लिए खास पसंद बना हुआ है। इसका कारण है चारों ओर फैली हरियाली, ठंडे पानी के झरने और कुंड, शहर की भागादौड़ी से दूर, बिना नेटवर्क के सुकून के पल और खूबसूरत पहाड़। जो गर्मी के मौसम में राहत देने का काम कर रहे है। पर्यटक यहां पिकनिक मनाने पहुंच रहे है। सीतामाता अभयारण्य में जेष्ठ महीने की अमावस्या से एक दिन पहले यानि 4 जून से मेला आयोजित होगा। इसको लेकर प्रशासन की ओर से तैयारियां की जा रही है। जिसमें मेले को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है। भीषण गर्मी में भी मेले में हजारों की संया में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। सीता माता वन्यजीव अभयारण को विश्व में उडऩ गिलहरी के साथ ही इस क्षेत्र का रामायण काल से जुड़ा होना भी अलग पहचान दिलाता है।

पैदल सफर तय कर सीतामाता मंदिर पहुंचते हैं लोग

मेले में राजस्थान के अलग.अलग जिलों के साथ.साथ मध्य प्रदेश और गुजरात से भी लोग आते हैं। मेले के दौरान पर्यटकों को दमदम गेट से सीता माता मंदिर तक का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। लेकिन इस रास्ते में गर्मी या थकावट नहीं होती। इसका मुय कारण इस रास्ते में हरियाली खूबसूरत पहाड़ और जगह-जगह भरे पानी के कुंड नाल मौसम को ठंडा बनाए रखते है।