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Pratapgarh केन्द्र सरकार की नई अफीम नीति घोषित, लाइसेंस प्रक्रिया में हुए कई बदलाव

 
Pratapgarh केन्द्र सरकार की नई अफीम नीति घोषित, लाइसेंस प्रक्रिया में हुए कई बदलाव
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़  केन्द्र सरकार की ओर से वर्ष 2023.24 के लिए जारी अफीम नीति से इस बार अफीम बुवाई के लिए लाइसेंस बढ़ेंगे। जिसमें किसानों को 10.10 आरी के लाइसेंस दिए जाएंऐ। ऐसे में जिले में रकबा भी बढ़ेगा। किसानों को लाइसेंस देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। नई अफीम नीति में गत वर्ष जिन अफीम लाइसेंसधारी किसानों की फसल में मार्फिन की औसत मात्रा 4.2 प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है। उन सभी को लुवाई चिराई वाला लाइसेंस मिलेगा। पात्र किसानों को दस आरी का लाईसेंस मिलेगा। इसके साथ ही जिन किसानों ने लगातार तीन वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022.23 में फसल को हंकवाई हो। उनको भी इस वर्ष पुन: लाइसेंस मिलेगा। गत वर्ष जिन पात्र किसानों को लाइसेंस देरी से मिला। वह इस वर्ष पुन: लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे। इस बार की पॉलीसी में विशेष रूप से सन 1999-2000 से 2022-23 तक जिन काश्तकारों की फसल घटिया घोषित कर दी गई। उनमें से जिनकी मार्फिन अवयव 6 प्रतिशत से अधिक थी। उनको इस बार इसमें पात्र माना गया है। जिन किसानों का फसल वर्ष 1998-99 से लेकर वर्ष 2022-23 तक लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। उनकों भी विभागीय नियमों में आने पर लाइसेंस दिया जाएगा।

जिले में नारकोटिक्स विभाग की ओर से कुल 8482 किसानों को अफीम बुवाई के लिए लाइसेंस दिए गए थे। इन किसानों ने कुल 848.2 हैक्टेयर में बुवाई की थी। जिसमें 266 गांवों में अफीम की काश्त की थी। इसमें प्रतापगढ़ और अरनोद तहसील में 4 हजार 628 किसानों को लाइसेंस दिए गए थे। इनमें से इसमें से चीरा लगाने वाले किसान 3426 किसान थे। जबकि सीपीएस में 1202 किसान थे। जबकि छोटीसादड़ी क्षेत्र में 3 हजार 854 किसानों ने अफीम की पैदावार की थी। इसमें से चीरा लगाने वाले किसान 3290 थे। जबकि सीपीएस में 564 किसान थे।

इसके साथ ही सीपीएस पद्धति के लिए भी नोटीफिकेशन जारी हुआ है। सीपीएस पद्धति में गत वर्ष जिन काश्तकारों के अफीम फसल की औसत 3 किलो से अधिक और 4.2 किलो से कम है। वो इस बार सीपीएस पद्धति में पात्र होंगे। इसके साथ ही 2021-22, 2022-23 में हंकाई करवाने वाले अफीम किसान इस बार इस पद्धति में पात्र होंगे। केन्द्र सरकार की ओर से अफीम नीति वर्ष 2023-24 जारी कर दी गई है। इसके साथ ही विभाग की ओर से आदेशों के तहत लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नीति के तहत जिले में पात्र किसानों की सूची तैयार की जा रही है। इसके तहत किसानों को उनके मोबाइल पर मैसेज भेजे जाएंगे। इसके लिए