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Pratapgarh मंदसौर सड़क पर 2 साल में 132 से ज्यादा लोग घायल, नहीं सुधरे हालात

 
Pratapgarh मंदसौर सड़क पर 2 साल में 132 से ज्यादा लोग घायल, नहीं सुधरे हालात

प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़ से मंदसौर तक के 18 किमी के सफर में वाहन चालकों से 30 रुपये टोल लिया जाता है। अवलेश्वर फांटे में एक टोल बूथ है। लेकिन 18 किमी का टोल चुकाने के बाद भी वाहन चालक सुरक्षित नहीं हैं। करीब 2 साल में इस मार्ग पर हुए सड़क हादसों में 132 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं और 12 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। दो साल में तीन बार इस मार्ग पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया, लेकिन सड़क की स्थिति में सुधार नहीं हुआ। सीसी रोड के बीच में दरारें आने से वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। वहीं घटिया सामग्री के कारण सड़क किनारे बने नाले भी उखड़ गए हैं।

प्रतापगढ़-मंदसौर मार्ग पर हो रहे सड़क हादसे को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर करीब 2 घंटे तक सड़क जाम कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि इस मार्ग पर चलने वाले वाहन सड़क से उतर कर खाई में पलट जाते हैं, जिससे लोग सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण सीसी रोड के बीचों-बीच दरारें पड़ना है। दरारें करीब 2 से 3 इंच चौड़ी हैं, जिसमें बस, ट्रक, कार का पहिया चलते ही वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं, जिससे हादसे होते हैं। मप्र की सीमा से जुड़ी इस 18 किमी सड़क पर दाएं-बाएं नाला बनाया गया है।

ठेकेदार द्वारा नालियों में घटिया सामग्री का उपयोग किए जाने के कारण नालियां भी पूरी तरह उखड़ चुकी हैं। कई बार लोग सड़क हादसों का शिकार होकर इन नालों से टकरा जाते हैं, जिससे उनके वाहन अनियंत्रित होकर पलट जाते हैं। टोल बूथ पर न एंबुलेंस न शौचालय की व्यवस्था बुधवार को प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों का आरोप था कि अवलेश्वर फांटे पर संचालित टोल बूथ पर न तो एंबुलेंस है और न ही पीने के पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था है. इससे कई बार राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस सड़क पर रात के समय अगर कोई सड़क हादसा हो जाता है तो एंबुलेंस आने में 10 से 15 मिनट का समय लग जाता है, तब तक घायल व्यक्ति सड़क पर तड़पता रहता है।

उदाहरण के लिए, ऐसा ही एक मामला डेढ़ साल पहले हुआ था। इस टोल बूथ से 300 मीटर दूर गोरधनपुर के पास सड़क किनारे खड़े पाइप से भरे ट्रक से एक कार टकरा गई, जिसमें दो युवक सवार थे. चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा युवक करीब 20 मिनट तक कार में फंसा रहा। पुलिस और राहगीरों की मदद से फंसे युवकों को बाहर निकाला गया और 15 मिनट तक एंबुलेंस का इंतजार किया। अगर इस टोल बूथ के पास एंबुलेंस होती तो समय पर जिला अस्पताल पहुंचकर मरीज को उपचार दिया जा सकता था। हमारे पास टोल बूथों पर व्यवस्था के लिए ऐसा कोई आदेश नहीं है। सड़क ठीक नहीं है, टोल बूथों पर पीने के पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है, इसलिए यह विभाग का काम है. विभाग को सूचित करें।