Aapka Rajasthan

राजस्थान में माफिया राज पर लगाम! इस जिले में 15 करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त, प्रशासन ने दिखाई सख्ती

 
राजस्थान में माफिया राज पर लगाम! इस जिले  में 15 करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त, प्रशासन ने दिखाई सख्ती

जिले में आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति लेन-देन प्रतिषेध अधिनियम 2016 के तहत भू-माफिया की बेनामी संपत्ति कुर्क की है। कुर्क की गई संपत्ति का बाजार मूल्य करीब 15 करोड़ बताया जा रहा है। यह कार्रवाई अखेपुर निवासी भू-माफिया जानशेर खान के खिलाफ की गई है। पुलिस ने बताया कि आरोपी के अपराधों का खुलासा वर्ष 2023 के नवंबर माह में शहर के व्यापारी मुस्तफा बोहरा की आत्महत्या के मामले के बाद हुआ था। पुलिस जांच में पता चला कि माफिया ने अपराध के बल पर बड़ी मात्रा में बेनामी संपत्ति पर कब्जा कर रखा था। इसके बाद इन संपत्तियों को चिन्हित कर बेनामी संपत्ति लेन-देन प्रतिषेध अधिनियम 2016 के तहत आयकर विभाग को रिपोर्ट भेजी गई थी।

डर दिखाकर कम दामों पर सौदा करवाने का आरोप
पुलिस के अनुसार आरोपी जानशेर खान लंबे समय से जिले में भू-माफिया के रूप में सक्रिय था। वह अपराध के बल पर विवादित संपत्तियों को कम दामों पर खरीद लेता था। बताया जा रहा है कि उसने अपने रिश्तेदारों के लिए बड़ी संख्या में जमीनों के सौदे कम दामों पर करवाए हैं। एसपी ने बताया कि जानशेर खान के खिलाफ अवैध वसूली और हत्या के प्रयास के चार मामले दर्ज हैं।

जांच में अपराध उजागर
पुलिस ने बताया कि आयकर विभाग ने आरोपी जानशेर की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई करने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किए थे। इस दौरान आयकर विभाग राजस्थान के उप निदेशक बेनामी निषेध ने आरोपी जानशेर और उसके साथियों राधेश्याम मीना, बसंतीलाल मीना, समरथ मीना, भग्गाराम मीना से प्रतापगढ़ शहर के बगवास क्षेत्र में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त और आय-व्यय के रिकॉर्ड और दस्तावेज प्राप्त किए।

कार्रवाई से पहले की गई गहन जांच
इस रिपोर्ट पर एसपी बंसल ने थानाधिकारी प्रतापगढ़ से विस्तृत और गहन जांच करवाई। इसकी गहनता से जांच की गई। इसके बाद जांच रिपोर्ट प्राप्त कर दस्तावेजों के साथ आयकर विभाग के जांच अधिकारी को भेजी गई। आयकर विभाग के जांच अधिकारी ने आरोपी जानशेर और उसके साथियों द्वारा प्रस्तुत जवाब को अप्रैल 2025 माह में जिला पुलिस अधीक्षक को भेजा था।

ब्लैकमेलिंग पर कही बड़ी बात
जांच रिपोर्ट की जांच और दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अप्रैल माह में इन संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया गया था, जिसके आधार पर सरकारी अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए माफिया की करीब 15 करोड़ की बेनामी संपत्ति कुर्क की थी।