AGTF की बड़ी कार्रवाई! राजस्थान के इस जिले में पकड़ा 785 किलो डोडा चूरा, यहां जाने धरपकड़ की पूरी कहानी
राजस्थान के सबसे बड़े मादक पदार्थ तस्कर कमल राणा गैंग का अवैध कारोबार एक बार फिर उजागर हुआ है। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की सूचना पर जिले की छोटीसादड़ी थाना पुलिस ने एजीटीएफ टीम के साथ बड़ी कार्रवाई करते हुए 1.18 करोड़ रुपए कीमत का 785 किलो अफीम डोडा चूरा जब्त किया। इस मादक पदार्थ के तस्कर कमल राणा गैंग के करीबी रामलाल जाट को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई से साबित होता है कि जेल में रहने के बावजूद कमल राणा का गिरोह मादक पदार्थ तस्करी में सक्रिय है और पुलिस कार्रवाई के बावजूद भी वह अपना अवैध कारोबार चला रहा है।
छोटीसादड़ी इलाके में एजीटीएफ के नेतृत्व में पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान एक ट्रक कंटेनर को रोका, जो अफीम डोडा चूरा की तस्करी कर रहा था। इस ट्रक में 39 बोरों में छिपाकर 785 किलो अफीम डोडा चूरा भरा हुआ था। यह मादक पदार्थ प्रतापगढ़ से जोधपुर भेजा जा रहा था। पुलिस ने ट्रक को रोकने का प्रयास किया तो चालक कंटेनर से उतरकर भागने का प्रयास करने लगा, लेकिन पुलिस ने उसे घेरकर गिरफ्तार कर लिया। इस तस्करी में कुख्यात तस्कर कमल राणा गिरोह के सदस्य शामिल थे, जो कई बार इस तरह की तस्करी में शामिल रहे हैं। इस मामले में गिरफ्तार तस्कर रामलाल जाट ने पुलिस को बताया कि इस तस्करी में मनोज जाट और सुनील मीना ने मादक पदार्थ सप्लाई करने का काम किया था। ये सभी तस्कर कमल राणा गिरोह के हैं, जो जेल में बंद होने के बावजूद इस अवैध कारोबार को चला रहा है।
तस्कर सुनील मीना पर एक लाख का इनाम: पुलिस ने कमल राणा गिरोह के अहम सदस्य और इस तस्करी में शामिल सुनील मीना के बारे में भी खुलासा किया है। उसके खिलाफ पहले से ही एक लाख रुपये का इनाम घोषित है। सुनील मीना मादक पदार्थ तस्करी के कई संगीन मामलों में वांछित है, जिसमें पुलिस पर फायरिंग और अन्य अपराध शामिल हैं। वह हमेशा अपने साथ अवैध हथियार रखता है, जिसके कारण पुलिस को उसे गिरफ्तार करने में दिक्कत होती है। एजीटीएफ की इस सफलता के बाद उम्मीद है कि जल्द ही सुनील मीना और गिरोह के अन्य सदस्य पुलिस के शिकंजे में होंगे।
एजीटीएफ की सख्त कार्रवाई से तस्करों में दहशत, पुलिस का दबाव बढ़ा: एजीटीएफ और राजस्थान पुलिस की इस कार्रवाई के बाद तस्करों में खौफ का माहौल है। यह कार्रवाई एजीटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशाराम चौधरी की देखरेख में की गई, जिसमें हेड कांस्टेबल महावीर सिंह और कांस्टेबल नरेंद्र पाटीदार की विशेष भूमिका रही।पुलिस ने इस तस्करी के मुख्य सरगनाओं को पकड़ने के लिए और भी कई कदम उठाने की योजना बनाई है। इस सफल कार्रवाई में एसआई नारायण लाल, एएसआई भंवर लाल, हेड कांस्टेबल नरपत सिंह, ओमवीर सिंह, कांस्टेबल राजकुमार, धर्मेंद्र और हरेंद्र भी शामिल रहे।
