13 दिन बाद रंग तेरस पर राजस्थान में खेली गई अनोखी होली, जानिए आखिर क्यों धुलंडी के दिन मनाया जाता है शोक ?

प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क - आज (27 मार्च) प्रतापगढ़ में रंग तेरस का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। लोग सुबह से ही रंगों और गुलाल की मस्ती में डूबे हुए हैं। शहर के विभिन्न इलाकों में गैर नृत्य का आयोजन किया गया है। यहां रंगों का त्यौहार धुलंडी नहीं मनाया जाता है। रियासत काल में होली के दिन राजपरिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती थी, क्योंकि उस समय राजपरिवार का सदस्य प्रजा के लिए परिवार के सदस्य की तरह होता था। ऐसे में हिंदू मान्यताओं के अनुसार 12 दिनों तक शोक मनाया जाता था और धुलंडी के दिन रंग और गुलाल नहीं लगाया जाता था।
13 दिन बाद लगाया जाता है रंग और गुलाल
13 दिन बाद रंग तेरस पर लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं और शोक का कार्यक्रम होता है। जिले में यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। आज रंग तेरस के इस त्यौहार पर नगर परिषद की ओर से सूरजपोल चौराहे पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में छोटे बच्चे, युवा और बुजुर्ग के साथ ही महिलाएं डीजे की धुन पर नाचती नजर आ रही हैं।
एक दूसरे को टमाटरों के कुंड में फेंक रहे हैं
यहां नगर परिषद होली के गीतों पर नाच रहे युवाओं पर रंग और पानी की बौछार कर रही है। चौराहे पर नगर परिषद की ओर से टमाटरों की होली का भी आयोजन किया गया। यहां बनाए गए कुंड में युवा एक दूसरे पर टमाटर फेंकते नजर आए। नगर परिषद की ओर से रंग बम, फॉग फायर, ट्रिप आदि भी लोगों को रोमांचित कर रहे थे।
वाहनों का रूट डायवर्ट किया गया
सूरजपोल चौराहे पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए पुलिस की ओर से कड़े इंतजाम किए गए हैं। यहां पर कोतवाली थानाधिकारी दीपक बंजारा के निर्देशन में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। शहर में विभिन्न समुदायों की गाड़ियां निकाली जा रही हैं। ढोल-नगाड़ों के साथ निकाली जा रही इस होली का लोग आनंद ले रहे हैं। प्रतापगढ़ में कलेक्टर ने इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, शहर में इस बड़े आयोजन को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 56 से गुजरने वाले वाहनों का रूट भी डायवर्ट कर दिया गया है।