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Pratapgarh 10 दिन में सबसे ज्यादा गायों की मौत, संक्रमण का आंकड़ा 11 हजार पार

 
Pratapgarh 10 दिन में सबसे ज्यादा गायों की मौत, संक्रमण का आंकड़ा 11 हजार पार

प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़ जिले में लगातार बढ़ रहे गांठदार संक्रमण से पशुपालन विभाग भयभीत नजर आ रहा है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि जिले में मंगलवार को ढेलेदार चर्म रोग के रिकॉर्ड 610 नए मामले सामने आए हैं. जबकि 27 गायों की भी मौत हो चुकी है। अब तक लम्पी संक्रमण से मरने वालों की संख्या 242 पहुंच गई है। संक्रमित पशुओं की संख्या 11 हजार 788 पहुंच गई है। बीमारी और मौत का यह आंकड़ा अब तक किसी एक दिन में सबसे ज्यादा है। जिस तरह कोरोना का संक्रमण फैल रहा था, उसी तरह अब ढेलेदार चर्म रोग का संक्रमण जानवरों में भी लगभग उन्हीं के कदमों पर फैल रहा है. क्योंकि 11 से 31 अगस्त के बीच 665 जानवर संक्रमित हुए थे, 14 की मौत हो चुकी थी। जबकि 1 से 20 सितंबर के बीच महज 20 दिनों में 9 हजार जानवर संक्रमित हुए हैं और 180 ने दम तोड़ दिया है. इसके पीछे जो बड़ा कारण निकल के सामने आ रहा है, वह यह है कि लगातार निर्देश के बावजूद पशुपालक इनकी अनदेखी कर रहे हैं.

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बीमार पशुओं व संदिग्ध पशुओं को खुले में छोड़ा जा रहा है, बीमारी के बावजूद कई पशुपालक विभाग को सूचना नहीं दे रहे हैं। इसको लेकर एसडीएम को धारियावड़ में अलग से बैठक कर निर्देश देने पड़े। कलेक्टर सौरभ स्वामी ने खुद कई बैठकों के दौरान अधिकारियों को जमीनी स्तर पर लोगों को बीमारी की गंभीरता के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. जिले में आंकड़ों में तेजी के बाद पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक श्रीनिवास सावले ने कहा कि जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे हम कुछ नहीं कर सकते. आज हमारे जिले में लम्पी के मामले 10 हजार के करीब पहुंच गए हैं। हमारे कर्मियों द्वारा लाखों लोगों को समझाने के बाद भी बीमार पशुओं को खुला छोड़ दिया जा रहा है। जिससे अन्य जानवर भी इसकी चपेट में आकर संक्रमित हो रहे हैं। पशुपालन विभाग लगातार पशुओं का इलाज कर उनका इलाज करने की कोशिश कर रहा है। हमारे विभाग में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी है लेकिन फिर भी हम व्यवस्था को दुरुस्त कर रहे हैं. कोरोना के दौरान लोगों की मदद के लिए प्रशासन ने भामाशाह और संस्थाओं का सहारा लिया था. अब पशुपालन विभाग जन-प्रतिनिधियों व गणमान्य व्यक्तियों का सहयोग लेकर लोगों को समझाने का प्रयास करेगा। ताकि जिले में लम्पी रोग को विकराल रूप लेने से रोका जा सके।

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