Pratapgarh में घरों और दुकानों में अटके 60 बिजली के खंभे और 20 ट्रांसफार्मर
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़ शहर के बीच बाजार में मकानों और दुकानों के बीच बिजली के 60 खंभे फंसे हुए हैं। 20 डीपी पर भी स्थिति यह है कि घर के पास एक फीट के बाहर जानलेवा खतरा मंडरा रहा है। यही नहीं, सीमेंट रोड पुराने के ऊपर नई बनती जा रही है। इससे अब ऊंचे तार भी नीचे हो गए हैं। पहले जहां तार जमीन से 15 फीट ऊपर थे, अब खतरा 10 से 12 फीट पर आ गया है। अब ऐसे में यदि कोई जुलूस या बड़ा वाहन निकला तो करंट का खतरा इन जगहों पर मंडराता रहेगा। कई इलाकों में ऐसे हादसे हो चुके है, लेकिन हादसों से कभी सबक नहीं लिया गया। डिस्कॉम बेपरवाह बना हुआ है।
शहर के सबसे पुराने बाजार में स्थिति विकट: शहर के सबसे पुराने, मुख्य बाजार सदर बाजार में बिजली के पोलों और तारों की स्थिति ठीक नहीं है। पुराने बाजार में लगे बिजली के पोल अब मकानों और दुकानों के अंदर है, जो जानलेवा है। स्थिति यह है कि लोगों ने बिजली के तारों में पाइप डाल रखे हैं। इससे बचाव तो हो सकता है, लेकिन जान का खतरा बना हुआ है। यही हाल गोपालगंज में भी है, जहां नया बाजार कॉलोनी में कई बिजली के तार घर के पास से गुजर रहे हैं।शहर के सदर बाजार, गोपालगंज, अर्चना टॉकीज रोड, कस्बा चौकी के पास, पालीवाल गली, नई आबादी, लौहार गली, हाउसिंग बोर्ड, गौतम नगर, देव नगर, इंद्रा कॉलोनी, श्रीनाथ विहार, मालीखेड़ा, धोबी चौक, भाटपुरा, वेलोसिटी सहित कई बस्तियों में, गलियों में मेन पोल से बिजली के तार जा रहे हैं, लेकिन कई जगहों पर बीच में तारों के ज्वाइंट खुले हैं। ऐसे में कभी भी तार टूटकर किसी पर भी गिर सकता है। शहर में कई जगह तो हालत यह है कि लोहे के पुराने पोल पर ही बिजली की लाइन टिकी हुई है। बाजार पुराना है।
ऐसे में दुकानें, मकान बन चुके हैं, मकानों के पट्टे भी कई के जारी हो चुके हैं। ऐसे में यहां पर अंडरग्राउंड वायरिंग डालकर लोगों की जान जोखिम से बचाया जा सकता है। व्यापारियों का कहना है कि नगर परिषद चुनाव में भी समाधान की बात कही थी, लेकिन 5 साल हो गए, किसी ने समाधान नहीं किया। बिजली निगम ने भी पूर्व में अंडरग्राउंड लाइन डालने का आश्वासन दिया था, लेकिन हालत अभी भी जैसे के तैसे ही बने हुए है।
Q- तार मकानों के पास से गुजर रहे है, इस पर क्या कहेंगे?
A- जेईएन और एईएन से सर्व करवाएंगे कि लाईन पहले थी या मकान।
Q- बाजार संकरा है। ऐसे में कैसे पोल लगेंगे?
A- अंडरग्राउंड वायरिंग समाधान है, लेकिन उसके लिए नगर परिषद या सरकार से कोई प्रस्ताव मिलेगा, तो ही समाधान हो पाएगा।
Q- हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा?
A- बिजली के पोल और वायर पहले से लगे थे। लोगों ने अपने मकान, दुकान आगे कर लिए। ऐसी जगह अंडर ग्राउंड करने के प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए भेजे जाएंगे। समाधान करना होगा, तो ही हादसे का खतरा टलेगा। प्रतापगढ़. शहर में बिल्डिंग से सटा ट्रांसफार्मर।
