विश्व जल दिवस 2024! मानसून की मेहरबानी से भू-सागर लबालब, जानिए कहां आया सबसे ज्यादा पानी

पाली न्यूज़ डेस्क - वर्ष 2024 में पाली जिले में बादलों ने इतना पानी बरसाया कि बांध और तालाबों के साथ कुएं, बावड़ी और ट्यूबवेल भी लबालब भर गए। पिछले साल मानसून से पहले जिले में भूजल स्तर 14.94 मीटर था। जबकि मानसून के बाद यह 9.75 पर पहुंच गया। मानसून से पहले की तुलना में भूजल स्तर में 5.19 मीटर की बढ़ोतरी हुई। इसके बावजूद रोहट और पाली ब्लॉक को छोड़कर पूरा जिला डार्क जोन श्रेणी में है। इसका कारण भूजल का अत्यधिक उपयोग है। यह स्थिति तब है, जब जिले में पेयजल के लिए ज्यादातर सतही जल का उपयोग किया जाता है। ऐसा नहीं हुआ तो जिले के अधिकांश हिस्सों का भूजल और नीचे जा सकता है।
रायपुर में 7.89 मीटर बढ़ा पानी
औसत जल स्तर में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रायपुर ब्लॉक में हुई। वहां पानी 7.89 मीटर तक बढ़ा। वहीं, सबसे कम 2 मीटर की बढ़ोतरी रोहट ब्लॉक में हुई। जबकि वर्ष 2023 में औसत जलस्तर में सर्वाधिक वृद्धि रानी स्टेशन ब्लॉक में 6.53 मीटर रही। जबकि न्यूनतम वृद्धि जैतारण ब्लॉक में 1 मीटर रही।
पाली व रोहट में कम दोहन
पाली व रोहट ब्लॉक में पानी खारा है। इस कारण पाली व रोहट में भूजल स्तर ऊंचा है। भूजल दोहन कम है। पाली पंचायत समिति अर्द्ध संवेदनशील व रोहट पंचायत समिति संरक्षित श्रेणी में है। इसके अलावा पाली की सभी पंचायत समितियां अतिदोहित श्रेणी (डार्क जोन) में आती हैं। पिछले दो वर्षों में अच्छी बारिश के कारण पाली जिले में भूजल स्तर में सुधार हुआ है।