पाली न्यूज़ डेस्क, पाली एमएसएमई के नए प्रावधानों से छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान हो सकता है। इसे लेकर सांसद पीपी चौधरी ने रविवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। उनसे एमएसएमई के प्रावधानों में संशोधन कर उद्यमियों को राहत दिलाने का आग्रह किया। इस पर वित्त मंत्री ने एक्ट में बदलाव कर उद्यमियों को राहत देने का आश्वासन दिया है। एमएसएमई के एक्ट में नियम है कि खरीददार व बेचानकर्ता के बीच अधिकतम 45 दिन में माल का भुगतान करना जरूरी है। यदि इसके बाद ट्रांजेक्शन होता है तो 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ेगा। छोटे उद्यमियों के लिए यह बड़ी मार है। इससे पाली के कपड़ा उद्यमियों के सामने भी संकट खड़ा हो गया है। इसे लेकर ओर से 7 फरवरी के अंक में छोटे उद्यमियों पर एमएसएमई प्रावधानों की पड़ रही बड़ी मार...संकट में व्यापार शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया। इसके बाद सांसद ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा। एक्ट को लेकर उद्यमियों की पीड़ा बताई। उन्होंने सूक्ष्म और लघु उद्योगों में विशेष रूप से कपड़ा उद्योग में 45 दिन में भुगतान की समय सीमा को ठीक नहीं बताया। उन्होंने वित्त मंत्री से कहा कि कपड़ा उद्योग से जुड़े व्यापारियों को आपसी लेन-देन सहित भुगतान संबंधी मामलों में 120 दिनों के साथ ही 180 दिन क्रेडिट अवधि का पालन करना होता है। ऐसे में इस एक्ट के प्रावधान में भुगतान का समय 45 दिन करने से कपड़ा उद्योग एवं अन्य उद्योगों को भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है।
उद्यमियों की रखी बात
सांसद ने वित्त मंत्री को पाली जिले के कपड़ा संघों एवं राजस्थान हैण्ड प्रोसेसर्स टेक्सटाइल एसोसिएशन की ओर से एमएसएमई को लेकर दिए गए पत्र दिए। वित्त मंत्री से एक्ट की धारा 43बी (एच) के क्रियान्वयन को अगले वित्तीय वर्ष तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध करते हुए भुगतान के लिए समय 90 दिन करने का आग्रह किया।
श्रेणी का निर्धारण हो
सांसद चौधरी ने एक्ट के संबंध में उद्यमियों की दूसरी समस्या बताते हुए कहा कि एमएसएमई एक्ट में यह तय नहीं है कि ये प्रावधान केवल पंजीकृत इकाइयों पर लागू होंगे या अपंजीकृत पर भी। व्यापारिक संस्थाओं के रूप में वर्गीकृत एमएसएमई इस अनुभाग के दायरे में आते हैं या नहीं। इस पर स्पष्टता से कपड़ा उद्योग को मदद मिलेगी। उन्होंने आग्रह कि एक विस्तार हितधारकों को व्यापक योजनाएं तैयार करने और किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए सशक्त बनाएगा। इस पर केन्द्रीय मंत्री ने सांसद को उद्योग एवं उद्यमियों के हित में उपयुक्त राहत देने का आश्वासन दिया।