Pali दुनिया को सेवा का जज्बा सिखा रहे मारवाड़ के स्काउट-गाइड
पाली न्यूज़ डेस्क, पाली ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि मारवाड़ के स्काउट-गाइड देश ही नहीं, दुनिया को भी सेवा भाव सिखा रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण श्रीलंका में बुधवार को राष्ट्रीय जम्बूरी के उद्घाटन समारोह में भी देखने को मिला, जहां देशभर से 108 स्काउट-गाइड में शामिल प्रदेश के 52 संभागियों में से आधे से ज्यादा यानी 27 संभागी तो पाली जिले के ही हैं। पिछले साल पाली जिले के रोहट क्षेत्र में हुई राष्ट्रीय जम्बूरी में भी हमारे बालचरों ने प्रशिक्षकों के निर्देशन में उत्कृष्ट प्रदर्शन, सेवाभाव और भरोसे की बदौलत एक अलग ही कीर्तिमान स्थापित किया था।
जो पाली में हुआ, वह पहले कभी नहीं हुआ
ये पहला मौका था जब जम्बूरी में स्काउट गतिविधियों के साथ ही वाटर एक्टीविटी व एडवेंचर बेस एक ही जगह मुहैया कराया गया। इस जम्बूरी में किसी से कोई फीस नहीं ली गई, जबकि हर बार फीस ली जाती है। रोहट में जम्बूरी के उद्घाटन समारोह में वायुसेना की ओर से सूर्य किरण का प्रदर्शन हुआ था, जो इतिहास बन गया।
खुद ही लिखा स्काउट गीत, आवाज भी स्थानीय
पाली जिले में हुई 18वीं जम्बूरी में आयोजित लोक नृत्य प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिला था, जिसमें सभी कलाकार पाली के ही थे। इतना ही नहीं, आम तौर पर जो जम्बूरी का गीत लिखा जाता है, वह किसी प्रोफेशनल की मदद से लिखवाया जाता है। लेकिन, यहां गीत भी पाली जिले के ही शिक्षक दीपक जावा ने लिखा था। आवाज भी स्थानीय ने ही दी। श्रीलंका के ट्रिंकोमाली शहर में बुधवार को राष्ट्रीय जम्बूरी का उद्घाटन श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंगे ने किया। यहां 28 देशों के 1000 संभागी सहभागिता निभाने पहुंचे हैं, जिसमें से राजस्थान के 52 स्काउट-गाइड है। खुशी की बात ये है कि इनमें से अकेले 27 तो पाली जिले के गांव-कस्बों के ही है, जिन्होंने अपनी प्रतिभा व सेवा भाव के बूते ये मुकाम हासिल किया है। इसके अलावा श्रीलंका के 8000 संभागी सहभागिता निभा रहे हैं। राजस्थान के दल का नेतृत्व पाली के स्काउट गाइड सीओ गोविंद मीणा कर रहे हैँ।
पाली के स्काउट-गाइड अव्वल
ये सही है कि इस बार श्रीलंका में हो रही जम्बूरी में पाली से 27 संभागी सहभागिता निभा रहे हैं। ये खुशी की बात है कि पूरे प्रदेश से पहुंचे संभागियों में से आधे से ज्यादा स्काउट-गाइड तो पाली के ही है। ये यहां के बालचरों की प्रतिभा का ही पुरस्कार है। इस जम्बूरी के लिए राजस्थान से 108 फॉर्म भरे गए थे, जबकि 44 फॉर्म पाली से भरे गए थे।
