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30 वर्षों बाद होली पर दुर्लभ योग! जानें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पाली जिले की की गांवशाही गैर की परंपरा

 
30 वर्षों बाद होली पर दुर्लभ योग! जानें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पाली जिले की की गांवशाही गैर की परंपरा

पाली न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के पाली में सूरजपोल सर्किल पर 13 मार्च को होलिका दहन के साथ गांवशाही गैर का आयोजन किया जाएगा, जबकि 14 मार्च को धुलंडी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10:36 बजे से शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर 12:24 बजे तक रहेगी। होलिका दहन के अगले दिन रंगों के त्योहार धुलंडी के साथ ढूंढोत्सव मनाया जाएगा। इसी दिन साल का पहला चंद्रग्रहण भी लगेगा।

होली के दिन सीरवी समाज के लोग फाग गीत गाते हैं
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार दिन में भद्रा होने के कारण होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:21 बजे से 12:28 बजे तक रहेगा। पाली में गांवशाही होलिका दहन सूरजपोल चौराहे के पास किया जाएगा। सीरवी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में फाग गीत गाते हुए सूरजपोल पहुंचेंगे, जहां सभी समाज के लोग भी अपनी टोलियों के साथ शामिल होंगे। विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद शुभ मुहूर्त में गांव के चौधरी द्वारा होलिका दहन किया जाएगा, जिसके बाद पारंपरिक गांवशाही गैर खेली जाएगी।

ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण दुर्लभ संयोग
इस वर्ष ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण दुर्लभ संयोग बन रहा है। गुरुवार को सूर्य, बुध और शनि का कुंभ राशि में होना और शूल योग का बनना विशेष खगोलीय संयोग दर्शाता है, जो इससे पहले 1995 में बना था। ज्योतिष मान्यता के अनुसार यह दिन मध्य रात्रि में तंत्र साधना के लिए विशेष महत्व रखता है। हालांकि इस दिन लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसके कारण इसका सूतक भी भारत में मान्य नहीं होगा। इसके बावजूद पाली में होली का पर्व धार्मिक परंपराओं और श्रद्धालुओं के उत्साह के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।