Aapka Rajasthan

Pali बांडी नदी में छोड़ा प्रदूषित पानी, लगा 50 लाख रुपए का जुर्माना

 
Pali बांडी नदी में छोड़ा प्रदूषित पानी, लगा  50 लाख रुपए का जुर्माना

पाली न्यूज़ डेस्क, शहर की गंगा बांडी नदी में प्रदूषित पानी बहाया जा रहा है। उद्यमियों के साथ पानी ट्रीट करने के लिए बने सीइटीपी प्लांट से भी पानी छोड़ा जा रहा है। जिसकी जांच जून व जुलाई में प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के उच्च अधिकारियों की ओर से की गई थी। उस मामले में अब सीईटीपी प्लांट संख्या छह पर 50 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। नदी में कुछ उद्यमियों के साथ सीइटीपी की ओर से पाइप के माध्यम से प्रदूषित पानी नदी में छोड़ने का खुलासा जून में हुआ था। जिसमे अतिरिक्त मुख्य पर्यावरण अभियंता व प्रभारी अधिकारी विवेक गोयल, वैज्ञानिक अधिकारी मनोज मीणा, कनिष्ठ पर्यावरण अभियंता जयेश अरोड़ा व छवि जांगिड़ की टीम ने क्षेत्रीय अधिकारी राहुल शर्मा के साथ सीइटीपी संख्या छह से नदी में अंडर ग्राउंड से पानी छोड़ना पाया था। इसके बाद उस पाइप को तुड़वा दिया गया था। इसके बाद भी प्लांट संख्या छह से नदी में पानी छोड़ना बंद नहीं किया गया। टीम ने 14 व 21 जून के बाद 11 व 12 जुलाई को जांच की थी।

यह मिली थी कमियां

सीइटीपी यूनिट 6 से बांडी नदी में अपशिष्ट गिरता हुआ पाया गया।

बांदी नदी में व्यापारिक अपशिष्ट के निर्वहन के लिए भूमिगत बाईपास व्यवस्था पाई गई।

बांदी नदी में अनुपचारित अपशिष्ट का निर्वहन संचालन की सहमति की शर्तों की पालना नहीं की गई।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के विभिन्न निर्देशों की पालन नहीं की गई।

राशि जमा नहीं होने पर यह होगा

सीइटीपी प्लांट संख्या छह की स्थापना की सहमति या संचालन की सहमति बिना किसी अग्रिम सूचना के अस्वीकार या रद्द की जा सकती है।

उद्योग और उसके मालिकों/कब्जाधारियों के विरुद्ध जीटी के समक्ष निष्पादन आवेदन दाखिल करने सहित कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

स्थापना की सहमति या संचालन की सहमति प्रदान करने/नवीनीकरण के लिए किसी भी आवेदन पर बोर्ड द्वारा विचार नहीं किया जाएगा।

60 दिनों के बाद उद्योग को पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि के 1.5 प्रतिशत की दर से प्रति माह अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा, जब तक कि पर्यावरण क्षतिपूर्ति जमा नहीं हो जाती।