माता-पिता कर रहे थे मजदूरी माइंस में हुआ कुछ ऐसा कि पूरी बस्ती में छा गया मातम, जानिए क्या है पूरा मामला ?

पाली न्यूज़ डेस्क - अगर आप भी मजदूरी करते हैं और अपने बच्चों को खदानों या ऐसी खतरनाक जगहों पर ले जाते हैं, तो सावधान हो जाइए। पाली जिले में एक दुखद हादसा हुआ, जिसने सभी को हिलाकर रख दिया। पत्थर की खदानों में मजदूरी करने वाले माता-पिता के सामने ही उनके 6 साल के बच्चे पर पत्थर का भारी टुकड़ा गिर गया। हादसा इतना भयानक था कि बच्चा चीख भी नहीं सका। परिजन उसे लहूलुहान हालत में अस्पताल ले गए, वहां डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन मासूम बच्चा जिंदगी की जंग हार गया। इस हादसे ने न सिर्फ माता-पिता, बल्कि पूरे पाली शहर को दुखी कर दिया।
ऐसे मिला 6 साल के बच्चे पर संकट
पाली में हुए एक दुखद हादसे में 6 साल के बच्चे की मौत हो गई। पत्थर की खदानों में मजदूरी करने वाले माता-पिता की आंखों के सामने ही एक बड़ा पत्थर टूटकर उनके बच्चे पर गिर गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन उसे लहूलुहान हालत में तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार यह हादसा रानी थाना क्षेत्र के नाडोल में करणजी का गुड़ा के पास पत्थर की खदान में हुआ। हादसे के समय 6 वर्षीय देवाराम पुत्र प्रकाश राम वहां खेल रहा था, जबकि उसके माता-पिता मजदूरी करने में व्यस्त थे। अचानक ऊपर से भारी पत्थर गिरा, जिससे बच्चे की पीठ पर गंभीर चोट लग गई और यह दुखद हादसा हो गया।
नहीं बच सकी मासूम की जान
घायल बच्चे को परिजन उपचार के लिए पाली के बांगड़ अस्पताल ले गए, जहां उसकी पीठ पर 15 से अधिक टांके लगाए गए। जांच के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन हादसे में उसे अंदरूनी चोटें भी आईं। इसके चलते रात करीब साढ़े नौ बजे उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। देर रात परिजन बच्चे का शव बिना पोस्टमार्टम कराए ले गए और सोमवार सुबह नम आंखों से उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
झोपड़ी में रहता है परिवार
राजसमंद जिले के निचला घाट निवासी प्रकाश कुमार अपनी पत्नी कमली बाई और तीन बच्चों के साथ खदानों में मजदूरी करता था। उसने परिवार के रहने के लिए वहां झोपड़ी बना रखी थी। तीन बच्चों में देवाराम सबसे बड़ा था, लेकिन इस दुखद हादसे में उसकी मौत हो गई। अब परिवार में 3 साल का बेटा दल्लू और 22 महीने की बेटी सुनीता रह गई है।