Pali एडीजे कोर्ट के एमएसी खाते से फर्जी हस्ताक्षर के जरिये साढ़े अट्ठाईस लाख रुपये निकाले
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश न्यायालय के एमएसी खाते से चेक से फर्जी हस्ताक्षर व सील से 28 लाख 50 हजार निकालने का मामला सामने आया है। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश डॉ सिंपल शर्मा के वरिष्ठ रीडर भंवरलाल पुत्र वोराराम ने दो जनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। न्यायालयकर्मियों की सर्तकता से शाखा प्रबंधक से मामले की जानकारी जुटाकर निकाली गई राशि वापस न्यायालय के एमएसी खाते में जमा करवाई। बाली थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि रीडर भंवरलाल ने रिपोर्ट दी कि लिपिक रामकेश सुबह कार्यालय में कंप्यूटर चेक किया तो उन्हें एसबीआई का मेल मिला।
जिसमें सोमवार को एमएसी खाते से 28 लाख 50 हजार की राशि मांगीलाल प्रजापत के खाते में चेक से विड्रोल किए गए थे। न्यायिक अधिकारी के निर्देश पर सहायक नजीर नौशाद अली व एमएससी क्लर्क रामकेश मीणा ने बैंक में जाकर पता किया तो मालूम चला कि 6 जनवरी को मांगीलाल पुत्र भूराराम निवासी बाली के चेक से एमएससी खाता से न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण बाली की सेल पर पीठासीन अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से जारी हुआ था। साथ ही न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण बाली के नाम से बैंक शाखा के नाम तारीख थी। उस चेक को 8 जनवरी को मांगीलाल ने अपने खाता में जमा करवाए। बाद में पीठासीन अधिकारी व रीडर ने मांगीलाल का खाता फ्रीज करवाकर बैंक में सूचना दी तथा मांगीलाल को बुलाया।
मांगीलाल ने चेक न्यायालय के पूर्व नजीर निर्मल वर्मा से प्राप्त करने और अपने खाते में जमा करना स्वीकार किया। फिर उक्त राशि पुन: एमएसी खाता में जमा करने पर सहमति जताई। बैंक शाखा प्रबंधन ने यह राशि पुन: एमएसी खाते में जमा करवाई। 6 जनवरी को पीठासीन अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर व कार्यालय की सील लगाकर उक्त चेक बैंक शाखा लगाकर अपने खाते में राशि ट्रांसफर की। इस मामले में मांगीलाल व निर्मल वर्मा हाल न्यायालय बाली के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 ,471 ,409 व 120 बी के तहत मामला दर्ज किया। इस मामले में पुलिस ने मांगीलाल व निर्मल वर्मा को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। इस मामले में संबंधित बैंक, संदिग्ध कर्मचारियों व अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। मामले को लेकर कस्बे में चर्चा का विषय रहा। पुलिस इस मामले में पड़ताल में जुटी है।