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Pali गांव-गांव खुशी से बजाए ढोल तो भी नहीं रिझा पाए

 
Pali गांव-गांव खुशी से बजाए ढोल तो भी नहीं रिझा पाए

पाली न्यूज़ डेस्क, पाली सरकारी स्कूलों में उच्च शिक्षित शिक्षक है। बेहतर कक्षा-कक्ष है। कम्प्यूटर के साथ अन्य सुविधाएं है। पोषाहार खिलाया जाता है। हर सत्र से पहले प्रवेशोत्सव के ढोल बजाकर अभिभावकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है, लेकिन इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा। पिछले तीन सत्र की बात करते तो लगातार नामांकन घटा है, जो प्रवेशोत्सव के प्रयासों की पोल खोल रहा है। प्रदेश में वर्ष 2021-22 में नामांकन करीब 98 लाख था। जो वर्ष 2022-23 में 89 लाख पर पहुंच गया। वर्ष 2023-24 में 81 लाख रहा। अब इस साल फिर से प्रवेशोत्सव के ढोल बजाने शुरू किए गए है। इसमें खास बात यह है कि प्रवेशोत्सव को डिजिटल बनाया गया है। जबकि सरकार ने हाल ही में स्कूलों में मोबाइल का उपयोग नहीं करने को कहा है। ऐसे में एप डाउनलोड कर डिजिटल प्रवेशोत्सव कैसे मनाया जा सकेगा, इसे लेकर शिक्षकों में असमंजस है।

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स्कूलों में मोबाइल बैन का निर्णय बेहतर है। इसके साथ ही शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति मिलनी चाहिए। जिससे शिक्षक मूल कार्य अध्यापन को पर्याप्त समय दे सके। क्रमोन्नत विद्यालयों में 2 सत्र बाद भी पद स्वीकृत नहीं किए गए है। डीपीसी व स्टाफिंग पैटर्न को समय पर नहीं किया गया है। इससे नामांकन में कमी आ रही है। सरकार को पद भरने के साथ डीपीसी व स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा करनी चाहिए।

दौसा 197562 169843 14.03

करौली 186985 161642 13.55

सीकर 230014 199876 13.10

झुंझुनूं 146692 127519 13.07

जयपुर 459242 402628 12.33

टोंक 170418 149620 12.20

भरतपुर 292458 257337 12.01

बारां 165286 146557 11.33

अलवर 423251 375358 11.32

सवाई माधोपुर 156582 138937 11.27

चूरू 239076 212911 10.94

नागौर 368795 328681 10.88

बीकानेर 305233 273640 10.35

बूंदी 175320 157680 10.06

धौलपुर 208340 187993 9.77