Pali पोस्ट ऑफिस घोटाला, सुबह 7 बजे रिटायर्ड पोस्ट मास्टर के आलीशान बंगले पर पहुंची CBI टीम

पाली न्यूज़ डेस्क, पाली के डाकघरों (NSC) में हुए घोटाले मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने पाली में सर्च ऑपरेशन चला रही है। डाकघर के रिटायर्ड उप डाकपाल (पोस्ट मास्टर) भगवती प्रसाद के बंगले पर सुबह 7 बजे ही जोधपुर से अधिकारी पहुंच गए थे। डाकघरों में अपनी बचत के रुपए जमा करवाने वाले कई ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हुई है। उनके खातों से लाखों रुपए गबन किए गए हैं। डाकघर अधीक्षक आरसी मीणा ने बताया- जोधपुर सीबीआई में 5 फरवरी को शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
दो कारों में पांच से ज्यादा अधिकारी टीम में शामिल हैं। भगवती प्रसाद का पाली के ट्रांसपोर्टनगर इलाके के नया गांव रोड पर सूर्या कॉलोनी में दो मंजिला मकान है। बंगले के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं। न ही अंदर से किसी को बाहर और बाहर से किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। टीम ने रिटायर्ड कर्मचारी के पूरे मकान में सर्च किया। साथ ही वाहनों और संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही मकान की छत पर भी टीम पहुंची। टीम ने शहर से एक ज्वेलर को बुलाया है, ताकि बरामद होने वाली ज्वेलरी का वजन कराया जा सके।
13 लोगों ने दी थी लिखित में शिकायत
पाली के उप डाकघर में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) योजना में में घोटाला हुआ है। पाली के औद्योगिक नगर थाना क्षेत्र स्थित उप डाकघर में 13 लोगों ने इसको लेकर लिखित में 60 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि डाकघर में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) योजना में रुपए जमा करवाए थे। अवधि पूरी होने के बाद भी उन्हें रुपए ब्याज सहित नहीं मिले। ज्यादातर के अकाउंट डाकघर में रिकॉर्ड में नहीं हैं। ऐसे में डाकघर अधीक्षक ने विभागीय जांच के बाद सीबीआई में रिपोर्ट दी ताकि मामले की जांच हो सके। पीड़ितों ने जिला कलेक्टर लक्ष्मीनारायण से भी मुलाकात कर पीड़ा बताई थी।
जांच में रिटायर्ड पोस्ट मास्टर पर शक
मामले की आरंभिक जांच में रिटायर्ड पोस्ट मास्टर ( भगवती प्रसाद) की तरफ शक की सुई गई, जिसकी मुहर और हस्ताक्षर पासबुक में थे। जांच अधिकारियों ने उन्हें (भगवती प्रसाद) बुलाकर पूछताछ भी की थी।पीड़ितों ने आरोप लगाया था कि औद्योगिक थाना इलाके के उप डाकघर में पैसे उप डाकपाल भगवतीलाल को जमा करवाए थे। इस पर डाकघर अधीक्षक रमेशचंद्र मीणा ने जांच का आश्वासन दिया था। ग्राहकों ने 5 साल के लिए अपना पैसा 2019 में जमा कराया था। लेकिन 2024 के आखिर में घोटाला तब सामने आया जब ग्राहकों को बताया गया कि उनका डाकघर में कोई अकाउंट ही नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि इतने साल ऑडिट में यह मामला क्यों पकड़ में नहीं आया।
केंद्रीय मंत्री को लिखा था जांच के लिए पत्र
पाली डाक विभाग पोस्ट ऑफिस में फिक्स डिपॉजिट रिसिप्ट (एफडीआर) सहित विभिन्न योजनों में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। निष्पक्ष जांच करवाने को लेकर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के निमित लश्करी ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा और ई-मेल किया था।निमित लश्करी ने पत्र लिखा था- डाकघर पर लोग विश्वास करते हैं और उसकी विभिन्न योजनाओं में करोड़ों रुपए का निवेश कर रखा है। हाल ही में कुछ लोगों ने अपने साथ धोखाधड़ी होने का आरोप लगाते हुए पाली के मुख्य डाकघर में लिखित में शिकायत देकर राहत देने की मांग की है। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के निमित लश्करी ने लिखा था- ज्यादातर मामले पाली के औद्योगिक नगर थाना क्षेत्र स्थित उप डाकघर के हैं। निवेशकों ने जो आरोप लगाए हैं उन सबकी जांच होनी चाहिए।