Pali विवाह पंचमी 17 को, भगवान राम और सीता का विवाह हुआ था
पाली न्यूज़ डेस्क, पाली मिथिला में भगवान श्रीराम ने स्वयंवर में भगवान शंकर का धनुष तोड़ा था। इसके बाद माता जानकी और प्रभु श्रीराम का विवाह हुआ था। वह दिन मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी माना जाता है, जो इस बार 17 दिसम्बर को है। प्रभु विवाह के शुभ दिन पर इस बार शुभ फलदायक हर्षण योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस योग का सभी राशियों पर सकारात्मक व शुभ प्रभाव पड़ेगा। इस शुभ अवसर पर कई मंदिरों के साथ घरों में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम व माता सीता की विशेष पूजा कर श्रद्धालु मंगल कामना करेंगे। हालांकि, मल मास लगने के कारण सामान्य जनों के विवाह समारोह का मुहूर्त नहीं है। इस समय शुभ कार्य भी नहीं होते है।
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार विवाह पंचमी के दिन हर्षण योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को शुभ माना जाता है। मान्यतानुसार हर्षण योग में राम और माता सीता की पूजा करने से कई गुना अधिक शुभ फल की प्राप्ति होती है। हर्षण योग 17 दिसम्बर को रात 12 बजकर 30 मिनट के बाद शुरू होगा। विवाह पंचमी पर बालव और कौलव करण भी है।
उदयातिथि से 17 दिसम्बर को
ज्योतिषाचार्य ओमदत्त दवे व शास्त्री प्रवीण त्रिवेदी के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 16 दिसंबर को रात 8 बजे के बार से शुरू होगी और 17 दिसंबर को शाम 5.30 बजे बाद तक रहेगी। सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद उदयातिथि की गणना की जाती है। इसलिए उदयातिथि के अनुसार 17 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी।