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Pali पुलिसलाइन स्वास्थ्य केंद्र में पिछले कई वर्षों से कोई डॉक्टर नहीं, मरीज परेशान

 
Pali पुलिसलाइन स्वास्थ्य केंद्र में पिछले कई वर्षों से कोई डॉक्टर नहीं, मरीज परेशान 

पाली न्यूज़ डेस्क, पाली  चिकित्सा सेवा को मजबूत करने के प्रदेश में दावे भले ही किए जाते हो, लेकिन हकीकत में ये दावे खोखले है। पाली के पुलिस लाइन क्षेत्र के लोगों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा देने के लिए सालों पहले स्वास्थ्य केन्द्र भवन बनाया गया था। जंगल सरीखी जगह पर बने इस स्वास्थ्य केन्द्र में पिछले कई सालों से महज एक नर्सिंग अधिकारी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सप्ताह में एक दिन आने वाले लैब टेक्नीशियन के सहारे लोगों का उपचार हो रहा है। बांगड़ अस्पताल के अधीन इस स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचने का मार्ग कच्चा व झाड़ियों भरा है। चिकित्सक के अभाव में रोजाना मुश्किल से पांच-छह मरीज ही पहुंचते हैं। जिनकी नर्सिंगकर्मी बीमारी पूछकर दवा देते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र के मरीजों को उपचार के लिए बांगड़ चिकित्सालय ही जाना पड़ता है। स्वास्थ्य केन्द्र में नर्सिंगकर्मी व मरीजों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। सभी कुर्सियां टूटी हुई है। जांच के लिए लैब कक्ष तो बना है, लेकिन उसमें रखे चंद उपकरणों पर भी मिट्टी ही जमी हुई है। अस्पताल में बिजली के बोर्ड व तार लटक रहे हैं। बिजली का एक बल्ब भी अस्थाई रूप से तार के सहारे ही लटक रहा है।

यह होनी चाहिए सुविधाएं

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक की सुविधा होनी चाहिए। वहां कई तरह की जांचें की जाती है। परिवार नियोजन की जानकारी दी जाती है। ग्लूकोज आदि चढ़ाने की भी सुविधा मिलती है। केन्द्र पर चिकित्सक के साथ नर्सिंग अधिकारी, लैब टेक्नीशियन, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कम से कम होने चाहिए। केन्द्र पर हिलोग्लोबिन, टीएलसी, डीएलसी, इएसआर, ब्लीडिंग टाइम, क्लॉटिंग टाइम, ब्लड शुगर, विडाल स्लाइड टेस्ट, वीडीआरएल रेपिड टेस्ट, एचआइवी रेपिड टेस्ट, टीबी के लिए थूक की जांच, मूत्र जांच आदि की सुविधा भी होनी चाहिए।

भवन की दीवारों में पेड़

इस भवन की सार-संभाल पर भी चिकित्सा विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। भवन के वार्ड के लिए बना कक्ष खाली पड़ा है। वहीं जिस कक्ष में दो पलंग लगे हैं, उसके शौचालयों के दरवाजे टूटे है। दीवारों में दरारें है। उसकी दीवार में पेड़ उग गए है। जिससे दीवार गिरने की आशंका है। स्वास्थ्य केन्द्र में पीने और हाथ धोने का पानी भी नहीं है। स्वास्थ्य केन्द्र परिसर के बाहर की तरफ बना भूमिगत टांका जर्जर हो चुका है। उसमें पानी भरने पर रिसाव होकर वह खाली हो जाता है। छत पर पानी की टंकी तो लगी है, लेकिन उसमें पानी भरने का कोई साधन नहीं है। पुलिस लाइन क्षेत्र में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को जनता क्लीनिक में तब्दील किया जाना है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। उसकी स्वीकृति मिलने पर उसकी मरम्मत कराने के साथ चिकित्सक की नियुक्ति की जाएगी।