होली के माहौल में राजस्थान के Pali में खाद्य विभाग का सबसे बड़ा एक्शन, सीज किया हजारों लीटर तेल और घी

पाली न्यूज़ डेस्क - होली के त्यौहार पर मिलावट की आशंका पर 4 हजार 567 लीटर तेल व घी जब्त करने की कार्रवाई की गई।होली के त्यौहार पर मिलावट की रोकथाम के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश चंद ने बताया कि मिलावट की आशंका पर 4 हजार 567 लीटर तेल व घी जब्त किया गया। इसमें सुमेरपुर से भगवती ब्रांड घी, सोजत सिटी से चेतक ब्रांड मूंगफली तेल, पाली से सोया कार्तिक बहार तेल व अन्य ब्रांड के घी जब्त कर जांच के लिए नमूने लिए गए। जिन्हें जांच के लिए जोधपुर जन स्वास्थ्य खाद्य प्रयोगशाला भेजा गया। जांच नमूनों की खाद्य रिपोर्ट आने पर भारतीय खाद्य मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
एक माह में लिए 50 से अधिक नमूने
सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश चंद के नेतृत्व में मिलावटखोरों पर अंकुश लगाने के लिए 1 माह में कई खाद्य पदार्थों के 50 से अधिक नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। ये सभी नमूने मुख्य खाद्य विश्लेषक राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला जयपुर भेजे गए। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर भारतीय खाद्य मानक अधिनियम 2006 एवं विनियम 2011 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिन फर्मों के नमूने 03 बार से अधिक फेल होंगे, उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे
जिले में मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग धारा 64 के तहत उन फर्मों को चिन्हित करेगा, जिनके नमूने 3 बार से अधिक फेल होंगे और उनके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई करेगा। एफएसओ ने बताया कि जिले में त्यौहारी सीजन के दौरान अधिकांश खाद्य पदार्थों में मिलावट की सूचनाएं मिल रही हैं। ऐसे में दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले खाद्य पदार्थों जैसे दूध, मिठाई, पनीर, नमकीन, मसाले, तेल, घी, बेकरी आइटम की बढ़ती खपत को देखते हुए इन वस्तुओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिना खाद्य लाइसेंस के संचालित दुकानें बंद होंगी
सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल खाद्य ने बताया कि खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर खाद्य लाइसेंस शिविरों का आयोजन कर रही है। इसके बावजूद यदि खाद्य व्यवसायी लाइसेंस प्राप्त नहीं करता है तो उसके विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 एवं भारतीय खाद्य मानक प्राधिकरण द्वारा जारी विनियम 2011 के तहत कार्रवाई की जाएगी।