Aapka Rajasthan

Pali छोड़ा बांध के पेटाकाश्त में अवैध निर्माण, भराव क्षमता कम होने से खेतों में भरेगा पानी

 
Pali छोड़ा बांध के पेटाकाश्त में अवैध निर्माण, भराव क्षमता कम होने से खेतों में भरेगा पानी

पाली न्यूज़ डेस्क, पाली  पिछले कई महीनों से दुदापुरा ग्राम पंचायत के चोडा बांध के पेटाकाष्ट में अतिक्रमण कर चारदीवारी का निर्माण किया जा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से ग्रामीणों में भारी रोष है। ज्ञात हो कि दुदापुरा ग्राम पंचायत के चोडा बांध की भराव क्षमता 17 फीट है। पानी की अच्छी आवक होने से यह बांध निर्माण के बाद भी पानी की कमी के कारण सूखा नहीं है। जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है। साथ ही बांध में 12 महीने पानी रहने से कुओं का जलस्तर भी ऊंचा रहता है।

लेकिन पिछले एक साल में इस बांध के पेटाकाष्ट की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर जमीन को खातेदारी के नाम पर बेचने के नाम पर कब्जा किया जा रहा है। अवैध निर्माण पर कार्रवाई: देसूरी तहसीलदार हरिन्द्र सिंह रावत ने बताया कि चोड़ा बांध के पेटाकाष्ट में यदि अवैध निर्माण कार्य किया गया है तो पटवारी से जांच कराई जाएगी। यदि अवैध निर्माण कार्य किया गया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दुदापुरा ग्राम पंचायत के चोड़ा बांध के पेटाकाष्ट में प्रभावशाली लोग लगातार अवैध कब्जा कर पक्के निर्माण कर रहे हैं। इसमें मिट्टी डालकर पानी रोका जाएगा। साथ ही निर्माण कार्य से बांध की भराव क्षमता भी कम होगी। पेटाकाष्ट भूमि खरीदकर आसपास की भूमि पर किया कब्जा: प्रभावशाली लोगों ने चोड़ा बांध में स्थित पेटाकाष्ट भूमि में से एक-दो बीघा भूमि खातेदार से खरीद ली है तथा इसके आसपास मौजूद राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा कर चारदीवारी भी बना रहे हैं। जबकि दो बीघा भूमि खरीदी गई थी। लेकिन इन लोगों ने 2 से 5 बीघा भूमि पर कब्जा कर रखा है।

पहाड़ियों में पैंथर, सफारी के लिए आते हैं पर्यटक बांध के आसपास स्थित पहाड़ियों में बड़ी संख्या में पैंथर मौजूद हैं। सफारी के रूप में इन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। जिसके चलते बांध के आसपास की जमीन काफी कीमती होने के कारण प्रभावशाली लोगों ने कुछ जमीन खरीदकर आसपास की जमीन पर अवैध कब्जा कर उस पर लंबे समय से स्थायी निर्माण कार्य कर रहे हैं। राजस्व अधिकारियों और पटवारी को इसकी जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। अवैध निर्माण से भराव क्षमता कम हो जाएगी। साथ ही बांध का पानी भी आसपास के खेतों में भर जाएगा। जिसके बाद किसानों को खेती करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यदि छोटा बांध के पेटाकाष्ट में हो रहे अवैध निर्माण कार्य को नहीं हटाया गया तो आने वाले समय में बांध क्षतिग्रस्त हो सकता है।