टीबी मरीजों के लिए खुशखबरी! नई दवा से 6 माह में पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद, इस देश से आएंगी दवाएं

पाली न्यूज़ डेस्क - पाली जिले में हर साल करीब 85 लोग टीबी के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। टीबी के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और इस बीमारी को रोकने के लिए सरकार अमेरिका से एक दवा आयात करेगी। इस दवा को लेने के 15 दिन के अंदर मरीज से कोई अन्य व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा और 6 माह तक नियमित दवा लेने के बाद मरीज भी जानलेवा टीबी रोग से मुक्ति पाकर सामान्य जीवन जी सकेगा। सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल ने बताया- पाली जिले में टीबी के मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। वर्तमान में जिले में 1921 लोग टीबी रोग की दवा ले रहे हैं। इन्हें सरकार की निक्षय पोषण योजना के तहत एक हजार की सहायता भी दी जा रही है। वर्ष 2030 तक देश को टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि टीबी पर नियंत्रण में राज्य की सफलता दर 85 प्रतिशत है, जबकि पाली की 92 प्रतिशत है।
अमेरिका से मंगवाई जाएगी टीबी की दवा
सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल ने बताया कि नई रेजिमेंट बीपीएएलएम में उपलब्ध नई दवा प्रीटोमेनिड को शेड्यूल में शामिल किया गया है। जो जल्द ही पाली में भी उपलब्ध होगी। सरकार संभवत: अमेरिका से यह दवा मंगवा रही है। जो महंगी है और बाहर की दवा दुकानों में नहीं मिलेगी। यह दवा गंभीर टीबी रोगियों को दी जाएगी। इस दवा से एमडीआर टीबी रोगी छह माह में ठीक हो जाएंगे। वर्तमान में एमडीआर टीबी रोगियों का उपचार 9 और 18 माह तक चलता है।
124 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त
जिला कार्यक्रम समन्वयक वियंग शर्मा ने बताया कि टीबी मुक्त अभियान के चलते जिले की 265 में से 124 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं। रोहट ब्लॉक में 14, सोजत सिटी में 19, सुमेरपुर में 12, रानी में 15, रायपुर में 10, बाली में 15, देसूरी में 15, मारवाड़ जंक्शन में 13, पाली ग्रामीण में 11 मरीज हैं। बता दें कि वर्ष 2023 में 19 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त किया गया। सरपंच को महात्मा गांधी प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया। वर्ष 2024 में 124 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं। इसमें 16 ग्राम पंचायतों को रजत पदक और 108 को कांस्य पदक के लिए चुना गया।
पाली में हर साल करीब 80 लोगों की हो रही मौत
बता दें कि छोटे से जिले पाली में हर साल करीब 80 से 85 लोगों की टीबी के कारण मौत हो रही है। इसका मुख्य कारण टीबी के मरीजों का नियमित दवा नहीं लेना सामने आया है। सरकार अब इसको लेकर गंभीर है और वर्ष 2030 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। अगर पाली जिले की बात करें तो पाली में भी टीबी मरीजों की संख्या कम हो रही है।