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योगी सरकार के नेतृत्व में ब्रांड काशी की वैश्विक छलांग, 12 साल में 45 करोड़ से ज्यादा सैलानी पहुंचे

वाराणसी, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। काशी ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी मजबूत पहचान दर्ज कराई है। ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक विकास के संतुलन ने ‘ब्रांड बनारस’ को वैश्विक पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण बना दिया है। पर्यटकों की रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ पर्यटन उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी स्पष्ट सकारात्मक असर दिख रहा है। काशी बीते एक दशक में तेजी से बदली है।
 
योगी सरकार के नेतृत्व में ब्रांड काशी की वैश्विक छलांग, 12 साल में 45 करोड़ से ज्यादा सैलानी पहुंचे

वाराणसी, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। काशी ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी मजबूत पहचान दर्ज कराई है। ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक विकास के संतुलन ने ‘ब्रांड बनारस’ को वैश्विक पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण बना दिया है। पर्यटकों की रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ पर्यटन उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी स्पष्ट सकारात्मक असर दिख रहा है। काशी बीते एक दशक में तेजी से बदली है।

योगी सरकार के नेतृत्व में हुए संरचनात्मक और सौंदर्यात्मक विकास कार्यों ने शहर के प्राचीन वैभव को नई ऊर्जा दी है। बेहतर कानून व्यवस्था, सड़क-रेल-हवाई कनेक्टिविटी, बुनियादी सुविधाओं में सुधार और विश्वस्तरीय व्यवस्थाओं ने वाराणसी को उभरते वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया है। यहां पर 12 साल में 45 करोड़ से ज्यादा सैलानी पहुंचे। पर्यटन विभाग के अनुसार, वर्ष 2014 से 2025 (सितंबर तक) के 12 वर्षों में कुल 45,44,82,662 भारतीय व विदेशी पर्यटकों ने काशी का भ्रमण किया। वर्ष 2014 में पर्यटकों की संख्या 54,89,997 थी, जो 2025 (सितंबर तक) बढ़कर 14,69,75,155 हो गई।

इस अवधि में 2014 की तुलना में 2025 में पर्यटकों की संख्या में 14,64,26,158 से अधिक की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई। इनमें 45,16,09,026 भारतीय और 28,73,636 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। डबल इंजन सरकार में धरातल पर उतरा विकास 2014 में प्रधानमंत्री बनने और 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद डबल इंजन सरकार ने वाराणसी के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी। लंबे समय तक कागजों तक सीमित योजनाएं अब जमीन पर दिख रही हैं, जिससे पर्यटन को नई दिशा मिली है।

विश्वनाथ कॉरिडोर से सारनाथ तक बदली तस्वीर नव्य-भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण से श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ। गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, स्वच्छता व्यवस्था, बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ का विकास, गंगा में क्रूज संचालन और आधुनिक सुविधाओं की निरंतर वृद्धि ने देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित किया है। कोरोना के बाद रिकॉर्ड उछाल कोरोना महामारी के कारण 2020-21 में पर्यटन प्रभावित हुआ, लेकिन 2022 से 2025 तक वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया गया।

हर वर्ष नए रिकॉर्ड बने, जिससे पर्यटन उद्योग को तेजी मिली। वर्षवार पर्यटक संख्या (भारतीय व विदेशी) 2014: 54,89,997 2015: 57,16,297 2016: 59,12,665 2017: 62,82,215 2018: 64,45,160 2019: 67,97,775 2020: 9,82,492 2021: 30,78,479 2022: 7,12,31,051 2023: 8,54,73,633 2024: 11,10,97,743 2025 (सितंबर तक): 14,69,75,155 वर्जन पर्यटकों की बढ़ती संख्या से पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी वर्गों को लाभ मिला है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। वाराणसी एक वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है।

--आईएएनएस

विकेटी/डीकेपी