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योग की शुरुआत करें 'सुखासन' के साथ, जानिए लाभ और विधि

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। व्यस्त दिनचर्या, चिंता और तनाव के बीच योग हमें शांति देता है। योग की शुरुआत अगर किसी आसान, शांत और मन को केंद्रित करने वाली मुद्रा से करनी हो, तो 'सुखासन' सबसे बेहतरीन योगासन में से एक है।
 
योग की शुरुआत करें 'सुखासन' के साथ, जानिए लाभ और विधि

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। व्यस्त दिनचर्या, चिंता और तनाव के बीच योग हमें शांति देता है। योग की शुरुआत अगर किसी आसान, शांत और मन को केंद्रित करने वाली मुद्रा से करनी हो, तो 'सुखासन' सबसे बेहतरीन योगासन में से एक है।

'सुखासन' एक ऐसा प्रभावी योगासन है, जिसे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक आसानी से कर सकते हैं। भारतीय संस्कृति में पालथी मारकर बैठने की जो सामान्य परंपरा है, सुखासन उसी का अनुशासित रूप है।

यह एक तनावमुक्त योगासन है, जिसे अंग्रेजी में 'ईजी पोज' भी कहते हैं। 'सुख' यानी आनंद और 'आसन' का अर्थ है बैठने की स्थिति। जब हम किसी मुद्रा में बैठते हैं, तो हमारा शरीर त्रिकोण बनता है, जो पृथ्वी के साथ हमारे जुड़ाव को भी मजबूत करने में मदद करता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, सुखासन ध्यान की मुद्रा है, जो मन को शांत करता है, तनाव घटाता है, ऊर्जा बढ़ाता है, और शरीर को आराम देने में मदद करता है। इसके अभ्यास से पाचन और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसे पालथी मारकर, रीढ़ सीधी और कंधों को ढीला रखकर, हाथों को घुटनों पर रखकर और सांसों पर ध्यान केंद्रित करते हुए किया जाता है।

इसको करने के लिए योगा मैट पर पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। अब अपने पैर को घुटने से मोड़ें और इसे दाहिनी जांघ के नीचे रखें। इसके बाद दाएं पैर को मोड़ें और इसे बाईं जांघ के नीचे रखें। अपनी रीढ़ की हड्डी, गर्दन और सिर को सीधा रखें। हाथों को घुटनों पर 'ज्ञान मुद्रा' या सामान्य रूप से रखें। अपनी आंखें बंद करें और गहरी, लंबी सांसें लें। शुरुआत में इसे करने में 2 से 5 मिनट तक बैठें, फिर धीरे-धीरे इस समय को आगे बढ़ा सकते हैं।

इसके नियमित अभ्यास से कई तरह के लाभ मिलते हैं। अगर किसी के घुटनों या कूल्हों में दर्द हो तो सावधानी से करें या कुर्सी का सहारा लें। गहरी सांस लेते समय या प्राणायाम के समय उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति सतर्क रहें।

--आईएएनएस

एनएस/एएस