इंडिगो यात्रियों को होने वाली परेशानी चिंताजनक: शशि थरूर
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को इंडिगो विमान के बड़ी संख्या में रद्द किए जाने से यात्रियों को होने वाली परेशानी पर चिंता जताई।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में आरोप लगाया कि नगर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने काफी पहले ही विमान कंपनियों को नियमों में हुए फेरबदल के बारे में जानकारी दे दी थी, लेकिन अफसोस विमानन कंपनियों की तरफ से कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया गया। आज इसी वजह से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि डीजीसीए की तरफ से विमानन कंपनी को काफी पहले ही पर्याप्त समय दिया गया था कि वो हालिया बदलावों को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए और सभी संसाधन जुटाए ताकि स्थिति को किसी भी प्रकार से चुनौतीपूर्ण होने से रोका जा सके और यात्रियों को विमान यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि विमान कंपनियों को आत्मचिंतन करना चाहिए कि वे कैसे समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। मुझे लगता है कि विमानन कंपनियों को यथाशीघ्र यह कदम उठाना होगा, अन्यथा स्थिति आगामी दिनों में चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
वहीं, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि विदेश के किसी भी नेता से भारत में विपक्षी दलों को मिलने नहीं दिया जा रहा है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि मौजूदा समय में यह सरकार असुरक्षित महसूस कर रही है।
इस पर सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस बात को निश्चित तौर पर खारिज नहीं किया जा सकता है कि जब एक स्वस्थ लोकतंत्र की बात आती है, तो ऐसी स्थिति में विपक्ष के नेता को भी सत्तापक्ष के नेताओं से मिलने की इजाजत होनी चाहिए। इस दिशा में किसी भी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए। यह एक स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया का प्रतीक माना जाता है। लेकिन, जब आप विपक्ष के नेता की आवाज को दबाते हैं, तो ऐसा करके आप लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम एक बतौर नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से किसी विदेश दौरे पर जाते हैं, तो हम भी वहां की सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते हैं। ठीक उसी प्रकार से जब वहां के विदेशी नेता हमारे देश में आते हैं, तो हमें भी उनसे मिलने की पूरी इजाजत होनी चाहिए। मुलाकात के बीच में किसी भी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक नेता प्रतिपक्ष को किसी विदेशी नेता से मिलने नहीं दे रहे हैं, तो इसे मैं दुर्भाग्यपूर्ण कहूंगा। अब आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है? इस संबंध में केंद्र सरकार से सवाल किया जाना चाहिए, तभी जाकर पूरी स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
--आईएएनएस
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