'विकसित भारत जी राम जी' के खिलाफ किसी भी राज्य विधानसभा का प्रस्ताव संघीय ढांचे के खिलाफ: शिवराज सिंह चौहान
भोपाल, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। भोपाल में केंद्रीय कृषि तथा किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में विकसित भारत रोजगार आजीविका गारंटी मिशन-ग्रामीण योजना की आवश्यकता, इसके उद्देश्यों और विपक्ष के रुख पर अपनी बात रखी।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एक बार जब संसद कोई कानून बना देती है, तो राज्य विधानसभा के प्रस्ताव के जरिए उसका विरोध करना असंवैधानिक है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "विकसित भारत जी राम जी" एक्ट संसद के दोनों सदनों में घंटों की विस्तृत बहस के बाद पास किया गया था और मैंने विपक्ष द्वारा उठाए गए सभी सवालों के जवाब दिए थे। मुझे पता चला है कि पंजाब विधानसभा इस एक्ट के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने की योजना बना रही है। यह पूरी तरह से गलत होगा।
उन्होंने कहा, "राज्य विधानसभाएं भारत के संघीय ढांचे का एक अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए। पंजाब को संसद द्वारा पारित कानून का विरोध करके कोई नई मिसाल कायम करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "20 साल पहले मनरेगा योजना आई थी। इससे पहले कई रोजगार योजनाएं थीं। फिर या तो उनका स्वरूप बदला या योजना का नाम बदला गया। मनरेगा योजना भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई थी। मजदूरों के बजाय मशीन या कॉन्ट्रेक्टर से काम हो रहा था। ओवर स्टेटमेंट बनाना, एक ही काम बार-बार कराने जैसी शिकायतें मिली रही थीं। इसलिए इस पर सालभर से विचार चल रहा था।"
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि जब संसद में बिल पर बहस हो रही थी, तब विपक्ष के नेता राहुल गांधी विदेश में थे और अब गलत जानकारी फैला रहे हैं।
विकसित भारत-जी राम जी योजना का बचाव करते हुए मंत्री ने कहा कि नए ग्रामीण रोजगार फ्रेमवर्क में टेक्नोलॉजी, पारदर्शिता और समय पर मजदूरी के भुगतान पर जोर दिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि फंड सीधे मजदूरों के बैंक खातों में जमा हो।
उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं और पंचायतों की शक्तियों को कम नहीं किया जा रहा है, बल्कि उन्हें और मजबूत किया जा रहा है। ग्राम सभाओं के पास कामों की पहचान करने और उन्हें प्राथमिकता देने का अधिकार रहेगा। पारदर्शिता सुनिश्चित करने और महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों की ज्यादा भागीदारी के लिए अनिवार्य सोशल ऑडिट के साथ, कार्यान्वयन और निगरानी स्थानीय स्तर पर जारी रहेगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "इस योजना के तहत रोजगार कमजोर नहीं हुआ है, बल्कि और मजबूत हुआ है, क्योंकि गारंटी वाले काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है और बेरोजगारी भत्ते और मजदूरी के भुगतान में देरी के लिए मुआवजे के प्रावधानों को बनाए रखा गया है।"
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि इस योजना के तहत काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनकी महीने की सैलरी समय पर मिलेगी।
--आईएएनएस
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