वंदे मातरम की चर्चा में सभी को लेना चाहिए भाग, कांग्रेस ने महापुरुषों को किया दरकिनार: स्वतंत्र देव सिंह
लखनऊ, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में सोमवार को 'वंदे मातरम' पर चर्चा हुई। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा से लेकर राज्य विधानसभाओं तक चर्चाएं हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सभी को इस चर्चा में भाग लेना चाहिए।
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने महापुरुषों को दरकिनार किया है। उदाहरण के तौर पर सरदार पटेल जी हैं। वंदे मातरम इस मातृभूमि की वंदना है। जिन्होंने शहादत दी है, उनके चरणों का वंदन है। हमें इसे अंतिम व्यक्ति तक लेकर जाना है, क्योंकि वंदे मातरम देश की आत्मा है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर विधानसभा में चर्चा हुई। सभी सदस्यों ने वंदे मातरम और भारत माता को नमन किया। स्वतंत्रता में अपने जीवन की आहुति देने वाले पूर्वजों को याद किया गया।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि वंदे मातरम राष्ट्रीय स्तर का एक जयघोष बन चुका है। जब कोई भी जयघोष देश में अधिकांश लोग बोलने लगते हैं, तो वह सिद्ध हो जाता है।
वहीं मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि वंदे मातरम में हमारे देश की बलिदानियों की गाथा है। जिस तराने की बदौलत हमें आजादी मिली, वह वंदे मातरम है। इससे हमारे बलिदानियों को जोश और जुनून मिला और हमारा देश आजाद हुआ। इस पर सदन में चर्चा होना अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम में जाति, धर्म और मजहब की बेड़ियों को तोड़ते हुए देश की खूबसूरती का वर्णन किया गया है। इस पर चर्चा ऐतिहासिक है।
जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के विधायक रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भैया' ने कहा कि वंदे मातरम का विरोध कौन करता है और क्यों, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। हमारे संविधान का सार हमारे राष्ट्रगान में निहित है। यह सच है कि वंदे मातरम बजने पर कुछ लोग चुप रहते हैं या हिचकिचाते हैं। वंदे मातरम का सम्मान न करने वालों को चिन्हित किया जाना चाहिए। चुनावों में जनता तय करेगी कि जो वंदे मातरम और राष्ट्रगान का सम्मान नहीं करते, क्या वे उनका बहुमूल्य वोट पाने के योग्य हैं या नहीं।
--आईएएनएस
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