वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल सफल, कोटा-नागदा खंड पर 180 किमी प्रति घंटे की भरी रफ्तार
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय रेलवे ने रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की देखरेख में स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण कोटा-नागदा खंड पर किया गया, जिसके दौरान ट्रेन ने 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की। यह उन्नत और आत्मनिर्भर रेल टेक्नोलॉजी की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
परीक्षण के दौरान वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की तकनीकी खूबियों का पूरी तरह से मूल्यांकन किया गया। इसमें ट्रेन की सवारी की स्थिरता, झूलन और कंपन, ब्रेकिंग क्षमता, आपातकालीन ब्रेकिंग और सुरक्षा प्रणाली जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं की जांच की गई। हाई-स्पीड ट्रायल के दौरान ट्रेन का प्रदर्शन पूरी तरह संतोषजनक पाया गया और सीआरएस ने इसे सफल घोषित किया।
रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर हाई-स्पीड ट्रायल का वीडियो साझा किया। इसमें कोटा-नागदा मार्ग पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलती दिख रही है। वीडियो में पानी से भरे गिलास भी तेज गति पर स्थिर रहे, जो ट्रेन की सवारी गुणवत्ता, बेहतर सस्पेंशन और तकनीकी मजबूती को दर्शाता है।
16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन लंबी दूरी की यात्राओं के लिए बनाई गई है और इसमें कई आधुनिक सुविधाएं हैं, जैसे: आरामदायक स्लीपर बर्थ, उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, स्वचालित दरवाजे, आधुनिक शौचालय, अग्नि सुरक्षा और निगरानी प्रणाली, सीसीटीवी आधारित निगरानी और डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली।
इसके अलावा ट्रेन में सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए कवच से सुसज्जित कोच, क्रैशप्रूफ और जर्क-फ्री कपलर, प्रत्येक कोच में अग्निरोधक दरवाजे, शौचालयों और विद्युत कैबिनेट में अग्नि पहचान और शमन प्रणाली, पूरी तरह सीलबंद दरवाजे, सभी कोचों में सीसीटीवी कैमरे, आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट, दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष शौचालय और ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए एर्गोनॉमिक डिजाइन वाली सीढ़ी की व्यवस्था की गई है।
सीआरएस हाई-स्पीड ट्रायल की सफलता वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की शुरुआत का रास्ता साफ करती है। यह ट्रेन आत्मनिर्भर भारत की सोच के तहत सुरक्षा, नवाचार और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देती है।
--आईएएनएस
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