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यूपी में फिर बढ़ी एसआईआर की समय सीमा, अब 6 मार्च को जारी होगी फाइनल लिस्ट

लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उत्तर प्रदेश में एसआईआर को लेकर घोषित तिथियों में संशोधन करते हुए नई तारीखों की घोषणा की है।
 
यूपी में फिर बढ़ी एसआईआर की समय सीमा, अब 6 मार्च को जारी होगी फाइनल लिस्ट

लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उत्तर प्रदेश में एसआईआर को लेकर घोषित तिथियों में संशोधन करते हुए नई तारीखों की घोषणा की है।

सीईओ उत्तर प्रदेश के 'एक्स' हैंडल से बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अर्हता तिथि एक जनवरी 2026 के आधार पर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषित तिथियों में संशोधन करते हुए नई तिथियां जारी कर दी गई हैं।

संशोधित तिथियों के अनुसार अब मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशन 6 जनवरी को किया जाएगा। दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि 6 जनवरी से 6 फरवरी तक निर्धारित की गई है।

निर्वाचन आयोग ने बताया कि 6 जनवरी से 27 फरवरी तक नोटिस चरण, गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावे एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 6 मार्च को किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया के तहत 2.8 करोड़ मतदाताओं के नाम कटेंगे। जिन मतदाताओं के नाम कटेंगे, उनमें से 1.26 करोड़ स्थानांतरित हो चुके हैं और 46 लाख वोटर्स की मौत हो चुकी है।

इसके अलावा, 23.70 लाख डुप्लीकेट मतदाता थे। वहीं, 83.73 लाख अनुपस्थित मतदाताओं के वोट कटेंगे। 9.57 लाख अन्य श्रेणी के मतदाताओं का भी नाम कटेगा।

लगभग 1.11 करोड़ मतदाताओं को नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें दस्तावेज दिखाने पड़ेंगे। चुनाव आयोग में मान्य 13 दस्तावेजों में से किसी एक को जमा कर लोग मतदाता बन सकेंगे।

बता दें कि चुनाव आयोग ने एसआईआर के तहत उत्तर प्रदेश में उन मतदाताओं को तलाशने का काम किया, जो स्थानांतरित, मृत, डुप्लीकेट, अनुपस्थित व अन्य श्रेणी में शामिल थे।

सभी जिलों में बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) के साथ-साथ राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) को बूथवार ऐसे मतदाताओं की सूची सौंपकर घर-घर जाकर फिर से सत्यापन कराया गया ताकि किसी तरह की गलती की कोई संभावना न हो।

--आईएएनएस

एमएस/डीकेपी