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उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का तेलंगाना और मध्य प्रदेश दौरा, 20 और 21 दिसंबर को कई अहम कार्यक्रमों में होंगे शामिल

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन 20 और 21 दिसंबर को देश के दो प्रमुख राज्यों (तेलंगाना और मध्य प्रदेश) के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान उपराष्ट्रपति कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
 
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का तेलंगाना और मध्य प्रदेश दौरा, 20 और 21 दिसंबर को कई अहम कार्यक्रमों में होंगे शामिल

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन 20 और 21 दिसंबर को देश के दो प्रमुख राज्यों (तेलंगाना और मध्य प्रदेश) के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान उपराष्ट्रपति कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

दौरे की शुरुआत उपराष्ट्रपति 20 दिसंबर को तेलंगाना से करेंगे। इस दिन वे हैदराबाद स्थित रामोजी फिल्म सिटी में आयोजित लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह (वैलेडिक्टरी फंक्शन) में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे।

यह सम्मेलन देशभर के विभिन्न राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों को एक मंच पर लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जहां प्रशासनिक सुधार, चयन प्रक्रियाओं और सुशासन से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श किया जाता है। उपराष्ट्रपति का संबोधन इस सम्मेलन को नई दिशा और प्रेरणा देने वाला माना जा रहा है।

इसके बाद 21 दिसंबर को उपराष्ट्रपति तेलंगाना में ही एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे नंदीगामा स्थित कान्हा शांति वनम, जो कि हार्टफुलनेस ग्लोबल मुख्यालय है, वहां आयोजित विश्व ध्यान दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम ध्यान, आत्मिक शांति और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को वैश्विक स्तर पर रेखांकित करता है।

21 दिसंबर को ही उपराष्ट्रपति का एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम मध्य प्रदेश के इंदौर में भी निर्धारित है। वे अटल फाउंडेशन द्वारा आयोजित पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह आयोजन वाजपेयी जी के विचारों, योगदान और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को स्मरण करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

उपराष्ट्रपति का यह दौरा प्रशासन, आध्यात्मिक चेतना और राष्ट्रीय नेतृत्व तीनों क्षेत्रों को जोड़ने वाला माना जा रहा है।

--आईएएनएस

वीकेयू/एबीएम