सिडनी मास शूटिंग के बाद ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़े गन कानून सुधार की तैयारी
सिडनी, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एंटी-सेमेटिक मास शूटिंग ने पूरी दुनिया को थर्रा दिया है। उत्सव मनाने के लिए जुटे यहूदियों पर बंदूकधारी बाप-बेटे ने ताबड़तोड़ गोलियां दागीं। 8, 9 और फिर 16 मारे गए। संख्या और बढ़ भी सकती है। बंदूकधारियों ने 10 साल की बच्ची से लेकर 82 साल के बुजुर्ग तक को नहीं छोड़ा। इस सामूहिक हत्या ने ऑस्ट्रेलिया को तस्मानिया के पोर्ट आर्थर नरसंहार की याद दिला दी है और अल्बनीज सरकार गन कानून सुधार को लेकर तत्पर है।
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार, सोमवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद जारी एक बयान में, प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज, राज्य के प्रीमियर और मुख्यमंत्रियों ने कहा:
“नेशनल कैबिनेट ने यहूदी-विरोधी भावना, नफरत, हिंसा और आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लिया और आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने, सामाजिक एकता, संसाधन और बयानबाजी पर राष्ट्रीय समन्वय के प्रति ऑस्ट्रेलिया की प्रतिबद्धता पर जोर दिया ताकि समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने सहमति जताई कि "गन कानून सुधार पर तुरंत मजबूत, निर्णायक और केंद्रित कार्रवाई की जरूरत है, जिसमें नेशनल फायरआर्म्स एग्रीमेंट पर फिर से बातचीत करना शामिल है, जिसे पहली बार 1996 की पोर्ट आर्थर त्रासदी के बाद स्थापित किया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आज के बदलते सुरक्षा माहौल में यह जितना संभव हो उतना मजबूत बना रहे।"
सिडनी के सांसद जॉली स्टेगल ने नेशनल कैबिनेट की तरफ से नेशनल गन कानूनों को मजबूत करने की योजनाओं का स्वागत किया।
उन्होंने बीच पर हुई गोलीबारी को "हिंसा का एक घिनौना काम" बताया। बोले कि यह दुखद हादसा हमें बताता है कि पब्लिक सेफ्टी पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। गन कानून इतने मजबूत होने चाहिए कि सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों की रक्षा कर सकें और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोक सकें। आज ऑस्ट्रेलिया में 40 लाख से ज्यादा कानूनी तौर पर लाइसेंसी बंदूकें हैं—जो 1996 के पोर्ट आर्थर नरसंहार से पहले से भी ज्यादा है।
उन्होंने आगे कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जिन बदलावों पर विचार किया जाएगा, उनमें नेशनल गन रजिस्टर पर काम में तेजी लाना, एक व्यक्ति को दिए जाने वाले लाइसेंस की संख्या को सीमित करना, और हासिल की जा सकने वाली बंदूकों के प्रकारों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
बोंडी बीच हमले को ऑस्ट्रेलिया के तीन दशकों का सबसे खौफनाक नरसंहार बताया जा रहा है। इसने तस्मानिया में 28 अप्रैल 1996 के पोर्ट आर्थर नरसंहार की याद दिला दी है। तब 35 लोग मारे गए थे। इसे एक ही शख्स ने अंजाम दिया था। ये दुनिया भर में दर्ज की गई तीसरी सबसे बुरी घटना है।
हमलावर ब्रायंट के पास एआर-15 राइफल थी जिसमें 30 गोलियों की मैगजीन थी। उसने इसे एक सेमी-ऑटोमैटिक .308 एफएन राइफल से बदल अपनी कार की डिग्गी में रखा था। उस समय तस्मानिया में दोनों बंदूकें रखी जा सकती थीं। क्वींसलैंड के साथ ऑस्ट्रेलिया में सबसे कमजोर बंदूक संबंधित कानून थे और गन लॉबी का सबसे ज्यादा दबदबा था।
एक बार तो 1987 में, न्यू साउथ वेल्स के तत्कालीन प्रीमियर, बैरी अनस्वर्थ ने कहा था, "ऑस्ट्रेलिया में बंदूक सुधार होने से पहले तस्मानिया में एक नरसंहार होगा।" और ऐसा लगभग 9 साल बाद हुआ भी। ये बात उन्होंने इसलिए कही क्योंकि तस्मानिया ने कानून नियमों को सख्त न करने की वकालत की थी।
पोर्ट आर्थर नरसंहार के बारह दिन बाद, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड ने बंदूक सुधारों के एक बड़े पैकेज की घोषणा की जो परंपरा से परे था।
उस भयानक घटना के बाद लाए गए सख्त बंदूक कानूनों के कारण, ऑस्ट्रेलिया में बंदूकों से होने वाली सामूहिक हत्याएं बहुत कम हुई थीं, लेकिन बोंडी बीच गोलीबारी ने इन कानूनों को और सख्त करने पर जोर दिया है।
--आईएएनएस
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