स्वामी चिदानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की, बोले- गुजरात के बाद भारत भी मॉडल बन रहा
ऋषिकेश, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं भारत रत्न सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के गंगा तट पर मां गंगा की दिव्य आरती सरदार पटेल को समर्पित की गई है। उन्होंने कहा कि पटेल गुजरात से थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात से हैं। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने गुजरात की तस्वीर, तकदीर और तकीर बदल दी।
परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि भारत रत्न सरदार पटेल, जो गुजरात के शेर थे, उनकी आज पुण्यतिथि है। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। गंगा किनारे होने वाली आरती भी उन्हें ही समर्पित है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत के पहले प्रधानमंत्री सरदार पटेल होते तो आज भारत की तस्वीर अलग होती। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो गुजरात की तस्वीर, तकदीर और तकीर भी बदल दी। गुजरात के गोधरा जैसे संकट, तीखी आलोचनाएं, दबाव, और चुनौतियों के बीच भय और भ्रम को दूर कर स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करते हुए गुजरात को विकास और विरासत का एक मॉडल बना दिया। ये यात्रा आज भी जारी है।
उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि 11 साल पहले की अपेक्षा भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। ऐसा कैसे हुआ? पीएम मोदी के अंदर दम है, ईमानदारी और पारदर्शिता है। पीएम मोदी के अंदर निरंतर गंगा के प्रवाह की तरह चलने की शक्ति है। इसी वजह से गुजरात एक मॉडल बना और अब भारत भी मॉडल बन रहा है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पीएम मोदी की यात्रा आध्यात्मिक यात्रा शुरू से रही है। हिमालय से लौटने के बाद पूरी जवानी समाज को दे दी। स्वयं को साधना और सेवा में लगाया। सनातन और संतों के प्रति उनके मन में शुरू से आस्था रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि काशी का कॉरिडोर हो या उज्जैन के महाकाल, केदारनाथ हो या अयोध्या को संवार दिया है।
उनका कहना था कि पीएम मोदी जिनसे मिलते हैं, उन्हें श्रीमद्भगवद्गीता भेंट करते हैं। किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष आते हैं तो गंगा आरती कराने के लिए ले जाते हैं। उन्होंने गरीबों के खाने को भी ग्लोबल बना दिया है। प्रधानमंत्री ने राज्य निरपेक्ष और धर्म निरपेक्ष के बीच संतुलन बनाकर रखा है, लेकिन अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों से अलग नहीं हुए, क्योंकि वे जानते हैं कि जब-जब हम अपनी जड़ों और मूल्यों से कटे हैं, तब-तब हम घटे हैं। जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब हम कटे हैं।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि मुझे लगता है कि उन्होंने सनातन के साथ विकास और विरासत को सहेज कर रखा है। मुझे याद है कि एक बड़ा आयोजन किया गया था, उस समय वे किसी पद पर नहीं थे लेकिन उनके अंदर गजब की निष्ठा थी। तब वे सिर्फ एक कार्यकर्ता थे।
उन्होंने कहा कि आज सनातन की लहर उठी है। सनातन का मतलब यही है कि जो सबको साथ लेकर चले। वसुधैव कुटुंबकम की बात करें या सर्वे भवन्तु सुखिन: की बात करें, सनातन की ऐसी लहर चली है कि हनुमान चालीसा के साथ अब पूरा विश्व हिंदुस्तान चालीसा भी पढ़ रहा है। यही उनकी खासियत है।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी 'ईमानदारी, निष्ठा, समर्पण और रात-दिन गंगा के प्रवाह की तरह बढ़ते रहना, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' ये बातें उन्हें सबसे अलग बनाती हैं। वो अपनी दीपावली भी सैनिकों के साथ मनाते हैं। सैनिक सीमाओं पर डटे हैं ताकि देश सुरक्षित रहे। ऐसे जवानों के साथ दीपावली मनाना ये अद्भुत बात है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने पीएम मोदी के लिए गुनगुनाते हुए कहा कि कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, तुम्हें जमीन पर उतारा गया भारत के लिए।
--आईएएनएस
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