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एसआईआर में शत प्रतिशत योगदान दें भाजपा कार्यकर्ता: सीएम योगी

गोरखपुर, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि वे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में अपना शत प्रतिशत योगदान दें।
 
एसआईआर में शत प्रतिशत योगदान दें भाजपा कार्यकर्ता: सीएम योगी

गोरखपुर, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि वे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में अपना शत प्रतिशत योगदान दें।

एसआईआर में लगने वाली आपकी मेहनत लोकतंत्र के लिए है, इसलिए घर-घर संपर्क करें। एक-एक नाम जुड़वाने का काम करें। मतदाता सूची में कोई भी पात्र मतदाता छूटने न पाए। कार्यकर्ता घर-घर जाकर गणना प्रपत्र भरवाने का कार्य करें।

सीएम योगी शुक्रवार को योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में एसआईआर अभियान को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर रहे थे। बैठक में भाजपा महानगर के सात मंडलों के पदाधिकारी-कार्यकर्ता शामिल हुए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग भारत के लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं, वही लोग एसआईआर पर अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं। वह जीते तो उनका पुरुषार्थ और अगर वह हारते हैं तो ईवीएम को दोषी ठहराते हैं। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों का यही एकमात्र मुद्दा है।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र मजबूत होगा तो देश मजबूत होगा। विपक्षी पार्टियां नहीं चाहतीं कि लोकतंत्र मजबूत हो। मुख्यमंत्री ने एसआईआर अभियान को एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि लोकतंत्र की मजबूती में सभी को अपना योगदान देना होगा।

उन्होंने मंडल अध्यक्षों से एसआईआर के तहत अब तक किए गए कार्यों का वृत्त लिया और प्रारूप 6, 7 और 8 का बैग भी कार्यकर्ताओं को दिया।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके पहले भी कहा था कि आने वाला चुनाव बूथ स्तर पर लड़ा जाएगा और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ही उसकी सबसे बड़ी धुरी है।

उन्होंने एसआईआर को बेहद अहम बताते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की क्षमता पर कोई शक नहीं है, लेकिन कई बार उदारता के कारण लापरवाही हो जाती है। एसआईआर के दौरान अगर पूछा जाए तो अक्सर जवाब मिलता है कि “हमारे यहां काम हो गया,” जबकि हकीकत यह नहीं होती।

एक जिले में तो विरोधियों ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम तक मतदाता सूची में दर्ज करवा दिए हैं, जहां बेटे की उम्र 20 साल, पिता की 30 साल और दादा की 40 साल दिखाई गई है, जबकि मतदाता असम के रहने वाले हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर बूथ से फर्जी नामों पर आपत्ति दर्ज कराई जाए और जो वास्तविक मतदाता सूची से छूट गए हैं, उनके नाम हर हाल में जुड़वाए जाएं।

-- आईएएनएस

विकेटी/एमएस