शांति विधेयक भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में एक नए युग की शुरुआत: पीयूष गोयल
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। परमाणु ऊर्जा से जुड़ा 'द सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया बिल 2025', यानी शांति विधेयक, 2025, संसद के दोनों सदनों से पास हो गया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसे भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में एक नए युग की शुरुआत बताया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि संसद के दोनों सदनों द्वारा शांति विधेयक पारित होने से भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में एक नए युग की शुरुआत हुई है।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक ऊर्जा के मामले में हमारी आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है, ऊर्जा की अधिक खपत करने वाले और भविष्य के लिए तैयार उद्योगों को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करता है, और उन्नत विनिर्माण तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करता है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को गति देकर, यह विधेयक उद्योग, निवेश और कुशल कार्यबल के लिए व्यापक अवसर खोलता है, जिससे भारत की सतत विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि की दिशा में प्रगति को बल मिलता है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि संसद के दोनों सदनों द्वारा शांति विधेयक का पारित होना हमारे प्रौद्योगिकी परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकारी क्षण है। इसके पारित होने में सहयोग देने वाले सांसदों के प्रति मेरी कृतज्ञता। कृत्रिम बुद्धिमत्ता को सुरक्षित रूप से संचालित करने से लेकर हरित विनिर्माण को सक्षम बनाने तक, यह विधेयक देश और विश्व के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य को निर्णायक गति प्रदान करता है। यह निजी क्षेत्र और हमारे युवाओं के लिए भी अनेक अवसर खोलता है। भारत में निवेश करने, नवाचार करने और विकास करने का यह सबसे उपयुक्त समय है!
बता दें कि विधेयक बुधवार को संसद के निचले सदन लोकसभा से पास हो चुका है। इसके बाद अब यह विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद पूर्ण रूप से कानून का रूप ले लेगा।
इससे पहले केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को संसद में बताया कि यह विधेयक निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए परमाणु उद्योग के द्वार खोलने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य 2047 तक देश को 100 गीगावाट (जीडब्ल्यू) परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने में मदद करना है।
विधेयक भारत की वर्तमान और भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं के अनुरूप एक व्यापक कानून लाने का प्रयास करता है।
--आईएएनएस
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