Aapka Rajasthan

जम्मू-कश्मीर: पुंछ में 105 फीट ऊंचे तिरंगे की रखी गई नींव, बनवत व्यू पॉइंट बनेगा देशभक्ति का केंद्र

पुंछ, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती पुंछ जिले में गर्व, एकता और राष्ट्रीय भावना को सशक्त रूप से दर्शाने वाला एक भावुक और प्रतीकात्मक समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी, एसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, ऐस ऑफ स्पेड्स डिवीजन ने पुंछ जिले के बांदीचेचियां (सीसीबी) गांव स्थित बनवत व्यू पॉइंट पर 105 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की आधारशिला रखी।
 
जम्मू-कश्मीर: पुंछ में 105 फीट ऊंचे तिरंगे की रखी गई नींव, बनवत व्यू पॉइंट बनेगा देशभक्ति का केंद्र

पुंछ, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती पुंछ जिले में गर्व, एकता और राष्ट्रीय भावना को सशक्त रूप से दर्शाने वाला एक भावुक और प्रतीकात्मक समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी, एसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, ऐस ऑफ स्पेड्स डिवीजन ने पुंछ जिले के बांदीचेचियां (सीसीबी) गांव स्थित बनवत व्यू पॉइंट पर 105 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की आधारशिला रखी।

इस अवसर के साथ ही एक ऐतिहासिक परियोजना की शुरुआत हुई, जो आने वाले समय में इस सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साहस, धैर्य और आकांक्षाओं का स्थायी प्रतीक बनेगी। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के पीआरओ और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने दी।

पुंछ के मनोरम प्राकृतिक नजारों के बीच प्रस्तावित विशाल तिरंगे को राष्ट्रीय गौरव की किरण के रूप में देखा जा रहा है। यह ध्वज राष्ट्र की रक्षा में पीढ़ियों से दिए गए बलिदानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। आधारशिला रखने के इस समारोह के साथ एक महीने तक चलने वाली सामाजिक पहल की भी शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य सामूहिक भागीदारी, साझा जिम्मेदारी और उज्ज्वल भविष्य की एक साझा सोच के माध्यम से स्थानीय समुदाय के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत करना है।

पीआरओ के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का भव्य उद्घाटन 26 जनवरी 2026 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया जाएगा। परियोजना के पूर्ण होने के बाद बनवत व्यू पॉइंट के देशभक्ति प्रेरणा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने की उम्मीद है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिलेगी और क्षेत्र के लोगों में अपनेपन तथा राष्ट्रीय गौरव की एक नई भावना का संचार होगा।

इस कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों, समुदाय के प्रतिनिधियों, नागरिक गणमान्य व्यक्तियों और भारतीय सेना के जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पूरे वातावरण में कृतज्ञता और सम्मान की भावनाएं स्पष्ट रूप से देखने को मिलीं, जो जनता और भारतीय सेना के बीच गहरे भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती हैं। इस अवसर पर भारतीय सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में एकता, विकास और तिरंगे की अमर भावना को सुदृढ़ करने के साथ-साथ स्थानीय आबादी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया।

--आईएएनएस

एएसएच/डीएससी